कई डॉक्टरों के कक्ष पर ताला, कुछ गए छुट्टी पर; मरीज परेशान
हरिद्वार जिले में निजी चिकित्सकों की क्लीनिक बंदी से मरीजों को कर्इ तरह की परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है।
By Edited By: Updated: Tue, 19 Feb 2019 08:01 PM (IST)
हरिद्वार, जेएनएन। जिला अस्पताल में पहले से कई विभागों में डॉक्टर न होने और कई के लंबे समय से चिकित्सा अवकाश पर होने से वैसे ही व्यवस्था लड़खड़ा रही थी। अब निजी चिकित्सकों के क्लीनिक की स्वत: बंदी से यहां आने वाले मरीजों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, मंगलवार को भी ऑर्थो सर्जन, ईएनटी सर्जन आदि के कक्ष पर ताले लटके रहे। वहीं, फिजीशियन के कक्ष के बाहर काफी संख्या में मरीज खड़े होकर अपने क्रम की प्रतीक्षा करते रहे। जिला चिकित्सालय में 2018 फरवरी महीने में वरिष्ठ ऑर्थो सर्जन डॉ. ज्योति बोहरा के सेवानिवृत्त होने के बाद हड्डी रोग विभाग में मात्र एक सर्जन डा. शिवम पाठक ही रह गए।
नवंबर महीने में उनके उच्च शिक्षा के लिए छह माह के अवकाश पर जाने से ऑर्थो ओपीडी ठप हो गई। जनवरी महीने के आखिर में सीएमओ ने रुड़की के एक ऑर्थो सर्जन को जिला अस्पताल से संबद्ध तो कर दिया। लेकिन आपसी खींचतान के चलते रुड़की से ऑर्थो सर्जन महज तीन दिन के लिए अस्पताल में आते हैं। ऐसे में शेष तीन दिन मरीजों को भटकना पड़ रहा है।
वहीं, ईएनटी सर्जन डॉ. दीप्ति भी लंबे समय से चिकित्सा अवकाश पर हैं। जिससे उनके कक्ष पर भी ताला लगा है और मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। 15 फरवरी से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में आइएमए के निजी चिकित्सकों ने अपने क्लीनिक बंद कर दिए हैं। इसके कारण मरीज परेशान रहे। मंगलवार को मेडिकल ऑफिसर डॉ. रामप्रकाश के कक्ष में दिन के बारह बजे तक 67 मरीज आकर परामर्श ले चुके थे। जबकि, इसी समय तक वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. संदीप टंडन के कक्ष में 72 मरीज परामर्श ले चुके थे। जबकि काफी संख्या में मरीज बाहर खड़े थे। वहीं, रविदास जयंती का सार्वजनिक अवकाश होने के चलते मंगलवार को हाफ टाइम तक ही ओपीडी का समय था। लेकिन फिजिशियन पर्ची कटाकर आए सभी मरीजों को अतिरिक्त समय तक परामर्श देकर ही उठे।
जिला अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. चंदन मिश्र ने बताया सर्जन डा. प्रणव सिंह नसबंदी कैंप में ड्यूटी पर गए थे। इसलिए उनका कक्ष बंद रहा। रुड़की से संबद्ध किए गए ऑर्थो सर्जन अवकाश पर हैं। उनके लौटने पर ऑर्थो कक्ष की ओपीडी का संचालन सुचारू हो पाएगा। फिलहाल, जो संसाधन हैं उनसे व्यवस्था का संचालन कराया जा रहा है। अस्पताल में यह पद हैं खाली जिला अस्पताल में दंत सर्जन, वरिष्ठ परामर्शदाता दंत, पैथोलॉजिस्ट के पद, ऑर्थो सर्जन का एक पद, चिकित्साधिकारी रक्त कोष का पद रिक्त है।
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