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मुख्‍यमंत्री को बेटे की शादी में बुलाना पड़ा भारी, मोहम्मद शहजाद बसपा से निष्‍कासित

बसपा में ही शामिल हुए पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद को पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर बसपा से निष्कासित कर दिया गया।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 17 Jul 2018 05:32 PM (IST)
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मुख्‍यमंत्री को बेटे की शादी में बुलाना पड़ा भारी, मोहम्मद शहजाद बसपा से निष्‍कासित
हरिद्वार, [जेएनएन]: हाल ही में बसपा में शामिल हुए पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपने पुत्र के विवाह में आमंत्रित करना भारी पड़ गया। इस कार्यक्रम के अगले ही दिन रविवार को मोहम्मद शहजाद को पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर बसपा से निष्कासित कर दिया गया। रविवार को शिवालिकनगर स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश महासचिव नत्थू सिंह, सतीश कुमार सिंह, सूरजमल व जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक शहजाद ने पार्टी का भरोसा तोड़ा है। 

बसपा पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्व विधायक ने पार्टी को गुमराह करने का काम किया है। वे भाजपा के संपर्क में बने रहे। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती से पूर्व की गलतियों की माफी मांगी थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी में शामिल किया गया था। पूर्व विधायक को चार साल में तीसरी बार निष्कासित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक की अभी भी भाजपा से नजदीकी है। 

उन्होंने कहा कि शहजाद ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनके सरकार के सहयोगियों को अपने यहां पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत बुलाया। यह पार्टी के साथ विश्वासघात है। वे पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। इसे नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। इस दौरान पूर्व विधायक हरिदास भी मौजूद रहे। 

भाजपा विधायक संजय गुप्ता को कारण बताओ नोटिस

लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पूर्व बसपा नेता के बेटे की शादी में शामिल होने पर विवादास्पद बयान दिया था। जिसको लेकर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने इसकी पुष्टि की है।

बसपा के हितों के विपरीत नहीं किया कोई काम

बहुजन समाज पार्टी से अपने निष्कासन के सवाल पर पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा कि उन्होंने कोई ऐसा कार्य नहीं किया जो बसपा के हितों के विपरीत हो। वे 25 जून को बसपा में फिर से शामिल हुए थे। इस बीच कौन सा चुनाव हुआ, जिसमें उन्होंने पार्टी के विपरीत काम किया है, यह बसपा बताए। अपने बेटे की शादी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत को बुलाने के बारे में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश के होते हैं। वे सार्वजनिक जीवन में हैं। यहां सबसे संबंध बनते हैं। मुख्यमंत्री उनके बेटे की शादी में बुलाने पर आए यह तो सामाजिक दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे प्रेसवार्ता कर आरोपों का जवाब देंगे। 

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