साहब! 15 बीघा धान हो गया बर्बाद, सरकार से मिला दो हजार का चेक; किसानों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के सामने रखी परेशानी
साहब जिस खेत से पूरे परिवार को पूरे साल का चावल खाने को मिल जाता था। धान बेचकर घर की जरूरतें पूरी होती थी इस बार एक मुठ्ठी चावल भी खेतों से नहीं आया है। पूरे के पूरे धान के खेत बर्बाद हो गए और सरकार की ओर से मुआवजे के रूप में दो हजार का चेक मिला है अब इस चेक से घर को कैसे चलाए।
By Raman TyagiEdited By: riya.pandeyUpdated: Sat, 28 Oct 2023 06:30 PM (IST)
जागरण संवाददाता, रुड़की। साहब जिस खेत से पूरे परिवार को पूरे साल का चावल खाने को मिल जाता था। धान बेचकर घर की जरूरतें पूरी होती थी, इस बार एक मुठ्ठी चावल भी खेतों से नहीं आया है। पूरे के पूरे धान के खेत बर्बाद हो गए और सरकार की ओर से मुआवजे के रूप में दो हजार का चेक मिला है, अब इस चेक से घर को कैसे चलाए। कुछ इस तरह की व्यथा किसानों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के समक्ष रखी। साथ ही बताया कि उनकी मदद की जाए। इस बार हरिद्वार जिले में वर्षा अत्यधिक होने की वजह से किसानों को काफी नुकसान हुआ है।
बेलड़ी गांव के अनुसूचित जाति के किसानों की करीब ढाई सौ बीघा की खेती है, जिसमें उन्होंने धान की फसल लगाई थी। गांव के तेजराम ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को बताया कि उसने इस बार 15 बीघा में धान लगाया था। हर साल ही धान और गेहूं की खेती करता है। पूरी फसल बर्बाद हो गई है।
प्रशासन से मदद की गुहार
लेखपाल की ओर से उसकी फसल का छह-छह बार सर्वे भी किया गया। उसको बताया गया कि आपदा के कारण उसका जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई होगी लेकिन तहसील की ओर से आर्थिक सहायता के नाम पर उसको दो हजार का चेक दिया गया है। जबकि इन खेतों से जो धान होता था, उससे पूरे साल का चावल मिल जाता था। इसके अलावा धान बेचकर घर के अन्य कार्य पूरे हो जाते थे। गेहूं का बीज भी मिल जाता था। इस बार गेहूं के बीच के लिए तक उनके पास पैसे नहीं है। कुछ इसी तरह की व्यथा किसान शेर सिंह, मांगेराम एवं महिपाल आदि की है।वहीं गांव के बाबूराम एवं बबलेश को तो अभी तक चेक तक नहीं मिल सका है। उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। वहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह ने बताया कि वह इस संबंध में उन्होंने तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी है।यह भी पढ़ें - Chandra Grahan 2023: चंद्रग्रहण के सूतक काल पर बंद हुए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर के कपाट, जानिए क्यों होता है ऐसा
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