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आइआइटी के दो प्रोफेसरों पर छेड़छाड़ और एससएसटी का मुकदमा हुआ दर्ज

पुलिस ने आइआइटी के दो प्रोफेसर समेत कुछ अन्य लोगों पर छेड़छाड़, एससीएसटी तथा जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज किया है।

By Edited By: Updated: Thu, 20 Dec 2018 11:03 AM (IST)
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आइआइटी के दो प्रोफेसरों पर छेड़छाड़ और एससएसटी का मुकदमा हुआ दर्ज
रुड़की, जेएनएन। पुलिस ने बुधवार को आइआइटी के दो प्रोफेसर समेत कुछ अन्य लोगों पर छेड़छाड़, एससीएसटी तथा जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा एसआइटी की जाच रिपोर्ट के आधार पर किया है। आइआइटी रुड़की में गुजरात निवासी अनुसूचित जाति की एक युवती वर्ष 2015 से शोध कर रही है।

शोधार्थी ने 14 दिसंबर को रुड़की सिविल लाइंस कोतवाली पहुंचकर सुपर वाइजिंग अथॉरिटी पर छेड़छाड़ और जातिसूचक शब्द कहने, वीडियो बनाने, ऑडियो रिकॉर्ड करने के आरोप लगाए थे। 14 दिसंबर को कैंपस में ही जानलेवा हमला होने का भी आरोप था। इसकेअलावा, अन्य लोगों पर भी आरोप लगाए थे। इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी रिद्धिम अग्रवाल ने 16 दिसंबर को सीओ कनखल के नेतृत्व में एसआइटी गठित की थी। 17 दिसंबर को इस मामले मे भीम आर्मी भी कूद गई थी।

भीम आर्मी ने कोतवाली में 5 घंटे तक धरना देते हुए प्रोफेसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और गिरफ्तारी की माग की थी। भीम आर्मी ने 19 दिसंबर की रात तक मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी थी। ऐसा न होने पर 20 दिसंबर को आइआइटी गेट पर धरना-प्रदर्शन करने का एलान किया था। इस मामले में बुधवार रात तक एसआइटी की जाच चली और रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी। 

एसएसपी ने जाच के बाद सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। एसएसपी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसआइटी की जाच रिपोर्ट के बाद इस मामले में पुलिस ने प्रो. पी. गोपीनाथ, प्रो. विकास पुरुथी समेत अन्यों पर छेड़छाड़, जातिसूचक शब्द कहने, जानलेवा हमला करने, गालीगलौज और मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है।

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