ट्रांसफार्मर चोरी में पांच अभियुक्तों पर 60 लाख जुर्माना, जमा नहीं करने पर ऐसे वसूली जाएगी रकम
ट्रांसफार्मर चोरी करने वाले मामले में न्यायालय ने अभियुक्तों को ऊर्जा निगम में नुकसान के एवज में लगभग 60 लाख रुपये एक माह के अंदर जमा कराने के भी आदेश दिए हैं।
By Edited By: Updated: Sun, 30 Aug 2020 02:17 PM (IST)
हरिद्वार, जेएनएन। हरिद्वार के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर चोरी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को दोषी पाते हुए सत्र न्यायाधीश विवेक भारती शर्मा ने जेल में बिताई गई अवधि (करीब 1 वर्ष) की कैद और चार हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अभियुक्तों को ऊर्जा निगम में नुकसान के एवज में लगभग 60 लाख रुपये एक माह के अंदर जमा कराने के भी आदेश दिए हैं। न्यायालय ने ये धनराशि जमा न कराने पर ऊर्जा निगम को सिविल कोर्ट के माध्यम से धनराशि वसूल कर लेने के आदेश भी दिए हैं।
ऊर्जा निगम के वरिष्ठ अधिवक्ता केपी शर्मा और अधिवक्ता सुधीर तोमर ने बताया कि जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से अप्रैल 2019 में कई गांवों के किसानों के खेतों से ऊर्जा निगम के 30 ट्रांसफार्मर के साथ ही विद्युत केबल आदि सामान चोरी कर लिया गया था। इस संबंध में निगम ने विभिन्न थानों में अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए थे। इन चोरियों में पांच अप्रैल 2019 को भगवानपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मक्खनपुर स्थित हामिद और अरशद के खेत से और 19 अप्रैल 2019 को करौंदी निवासी खड़क सिंह चौहान के साथ ही विष्णु दत्त, 15 अप्रैल 2019 को ग्राम पनियाला चंदापुर के रिजवान आदि के खेत से ट्रांसफार्मर चोरी की घटना में शामिल हैं।
पुलिस ने इन मामलों में करीब 30 मुकदमे दर्ज किए थे। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 21 जुलाई 2019 को आरोपित बिलाल, दीपक सैनी, सुलेख चंद एवं रहमान उर्फ पप्पू को गिरफ्तार किया था। इनकी निशानदेही पर ग्राम किशनपुर स्थित अख्तर कबाड़ी के गोदाम से चुराए गए ट्रांसफार्मर के एल्युमिनियम और तांबे के पार्ट्स के साथ ही केबिल आदि भी बरामद किए। आरोपितों के कब्जे से एक छोटा हाथी मिनी ट्रक और एल्युमीनियम एवं लोहे के केबिल आदि भी बरामद हुए थे। चारों आरोपितों को पुलिस ने संबंधित धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था। आरोपितों ने पूछताछ के दौरान चोरी की घटनाओं में अपने एक अन्य साथी सादिक को शामिल होना भी बताया था। पुलिस ने जांच के बाद सादिक को भी 19 चोरियों के मामलों में जेल भेज दिया था।
यह सभी तभी से जेल में बंद चले आ रहे थे। पांचों आरोपितों ने न्यायालय में जुर्म कबूल कर लिया था। इस पर न्यायालय ने चार आरोपितों सुलेख चंद, बिलाल, दीपक सैनी और रहमान उर्फ पप्पू को दोषी पाते हुए जेल में बिताए गई अवधि की कैद और चार-चार हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि अभियुक्त साजिद को जेल में बिताई गई अवधि करीब नौ माह की कैद और 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने पांचों अभियुक्तों को ऊर्जा निगम को पहुंचाए नुकसान की भरपाई के लिए लगभग 60 लाख रुपये एक माह के भीतर जमा कराने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने ये धनराशि जमा न कराने पर ऊर्जा निगम को सिविल कोर्ट के माध्यम से धनराशि वसूल कर लेने के आदेश भी दिए हैं।
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