छात्रवृति घोटाला: गीताराम नौटियाल की प्रदेश से बाहर भी बेशकीमती संपत्तियां
छात्रवृति घोटाले में एसआइटी की पकड़ से बाहर चल रहे समाज कल्याण विभाग के सयुंक्त निदेशक गीताराम नौटियाल की संपत्ति को लेकर भी कई खुलासे हुए हैं।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 01 Oct 2019 09:54 AM (IST)
हरिद्वार, जेएनएन। छात्रवृति घोटाले में एसआइटी की पकड़ से बाहर चल रहे समाज कल्याण विभाग के सयुंक्त निदेशक गीताराम नौटियाल की संपत्ति को लेकर भी कई खुलासे हुए हैं। नौटियाल के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई में जुटी एसआइटी को उसकी अन्य राज्यों में भी बेशकीमती संपत्तियां होने का पता चला है। इन संपत्तियों को चिह्नित किया जा रहा है।
छात्रवृति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के सयुंक्त निदेशक गीताराम नौटियाल के खिलाफ एंटी करप्शन कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। एसआइटी की टीम लगातार नौटियाल की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है, पर कोई सफलता नहीं मिल पा रही है। इसके चलते एसआइटी अब गीताराम नौटियाल के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करने जा रही है। इसके लिए गीताराम नौटियाल की संपत्तियों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। एसआइटी को नौटियाल के बसंत विहार देहरादून स्थित घर के अलावा अन्य जगहों पर भी संपत्तियां होने की जानकारी मिली है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश से बाहर भी एसआइटी को नौटियाल की संपत्तियों का पता चला है। पुलिस इन्हें चिह्नित कर रही है। कुर्की की कार्रवाई के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र के साथ इन संपत्तियों की फेहरिस्त भी पेश की जाएगी। वहीं एसआइटी में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से जुड़े मामलों की जांच कर रहे एएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी के लिए टीम लगातार काम कर रही हैं। जल्द ही कुर्की के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया जाएगा।
निजी कॉलेज संचालकों की लगी निगाहें
गीताराम नौटियाल के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर निजी कॉलेज संचालकों की निगाहें लगी हुई हैं। दरअसल देहरादून और हरिद्वार के कुछ कॉलेज संचालकों से गीताराम नौटियाल के बेहद करीबी संबंध रहे हैं। उन्हें डर है कि गीताराम नौटियाल का एसआइटी से सामना होने पर कहीं उनकी पोल न खुल जाए। वहीं समाज कल्याण विभाग के अलावा राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी कर्मचारियों की धड़कनें भी बढ़ी हुई हैं। सूत्र बताते हैं कि नौटियाल के खिलाफ जो सबसे बड़ा सुबूत एसआइटी को मिला है, उसमें राजस्व विभाग के कई अधिकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। यह मामला देहरादून जनपद का है।
छात्रवृत्ति घोटाले में नैनीताल में एक और मुकदमा दर्ज
दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने नैनीताल में कमालपुर (सहारनपुर) के कृष्णा आइटीआइ संस्थान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोप है कि संस्थान ने फर्जी छात्र दिखाकर समाज कल्याण विभाग से पौने तीन लाख रुपये छात्रवृत्ति के नाम पर हड़प लिए। इस मामले में बैंक और विभाग की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। एसआइटी प्रकरण की विवेचना में जुट गई है। इधर, आइजी संजय गुंज्याल वाली एसआइटी ने इससे पहले नैनीताल में तीन, ऊधमसिंह नगर और टिहरी में चार तथा आइपीएस मंजूनाथ टीसी वाली एसआइटी ने हरिद्वार और देहरादून में भी तीन मुकदमे दर्ज किए हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर आइजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व वाली एसआइटी 11 जिलों में दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही है। आइजी गुंज्याल ने बताया कि एसआइटी ने जांच में पाया कि नैनीताल में सहारनपुर स्थित कृष्णा आइटीआइ कमालपुर ने फर्जी दस्तावेजों से छात्रवृत्ति प्राप्त की है। संस्थान ने फर्जी तरीके से एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के छात्रों को अपने संस्थान में दाखिला दिखाया। इनके नाम पर जिला समाज कल्याण अधिकारी, नैनीताल से पौने तीन लाख रुपये की छात्रवृत्ति हासिल कर ली। एसआइटी ने जब संस्थान में छात्र-छात्राओं की जांच की तो कोई छात्र नहीं मिला। इनके दस्तावेज भी फर्जी पाए गए। अभी एसआइटी संस्थान में पढ़ने वाले अन्य छात्र-छात्राओं की सूची का सत्यापन कर रही है। एसआइटी ने संस्थान, पंजाब नेशनल बैंक और विभाग के खिलाफ थाना भीमताल में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमे की विवेचना इंस्पेक्टर संजय कुमार कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: एनआरएचएम दवा घोटाले का नए सिरे से होगा परीक्षण, पढ़िए पूरी खबरसामान्य वर्ग के छात्र को दी छात्रवृत्तिएसआइटी जांच में यह बात भी सामने आई कि संस्थान ने सामान्य वर्ग के छात्रों को फर्जी तरीके से एससी, एसटी और ओबीसीर्ग का दिखाया। इनके नाम पर संस्थान के संचालकों ने एजेंटों के मार्फत और बैंक कर्मियों से साठगांठ कर घोटाले को अंजाम दिया।
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