Haridwar: खेतों में अचानक आ पहुंचा हाथियों का झुंड, धूल का गुबार उठा दौड़े तो खौफ से भर गए लोग; तस्वीरें
Elephants in Haridwar हरिद्वार के खेतों में हाथियों के झुंड ने आतंक मचा रखा है। हाथी किसानों की फसलों को तबाह कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि वन विभाग लापरवाह है। हाथियों के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। वनप्रभाग के वनक्षेत्र अधिकारी सलेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि हाथी आने की सूचना पर वनकर्मी भेज दिए जाते हैं।
संवाद सूत्र जागरण, हरिद्वार । Elephants in Haridwar: हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के गांव गाडोवाली स्थित आवासीय कालोनी में हाथियों की आवाहाजी रुकने का नाम नहीं ले रही है। आये दिन हाथियों के झुंड किसानों की फसलों को तबाह कर रहे हैं। वही, मिस्सरपुर स्थित आवासीय कालोनी से भी हाथी प्रतिदिन गुजर रहे हैं।
किसानों ने वनप्रभाग पर लापरवाई का आरोप लगाया है। शुक्रवार रात मिस्सरपुर कालोनी व गाडोवाली में हाथियों ने तांडव मचाया और सुबह तक खेतों में ही टहलते रहे। मामले में भाजपा नेता आशु चौधरी ने वनप्रभाग पर लापरवाई का आरोप भी लगाया।
जमकर उत्पाद मचाया
शुक्रवार रात हाथियों के झुंड ने गांव गाडोवाली व मिस्सरपुर स्थित कालोनी व खेतों में पहुंचकर जमकर उत्पाद मचाया। हाथियों ने गन्ने व धान की फसल को चट दिया। किसानों का कहना है कि इन दिनों मिस्सरपुर, बहादरपुर जट, किशनपुर, गाडोवाली, पंजनहेडी, अजीतपुर, जियापोता, कटारपुर, चांदपुर, रानीमाजरा, बिशनपुर व पुरानी कुंडी में हाथियों की आवाजाही बनी हुई है।
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गंगा के उस पार जंगलों से गंगा पार कर हाथी खेतों में घुस कर गन्ने व धान की फसल का नुकसान कर किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। भाजपा महामंत्री आशु चौधरी के नेतृत्व में किसानों ने धरना प्रदर्शन कर वनप्रभाग के साथ पंचायत भी, लेकिन नतीजा शून्य रहा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।वनप्रभाग के दावे हवा हवाई
हाथी प्रतिदिन आबादी में आता रहा वनप्रभाग के दावे हवा हवाई साबित हुए। किसान राजेश सैनी, किसान अब्दुल सलाम, नूतन कुमार, सुशील सैनी, सुखदेव पाल, ब्रजपाल, राजपाल, सुनील, राजबीर, दीपक, रमेश, सोनी आदि किसानों का कहना है कि दिन छिपते ही हाथियों का झुंड कई दिनों से मिस्सरपुर आवासीय कालोनी से गुजर कर खेतों में आ जाता है और सुबह वापस नहीं जाता है। दिनभर हाथी बगीचे व गन्ने के खेतों में ही रुके रहते हैं जो कभी बड़ी दुर्घटना को दावत दे सकते हैं। किसानों का कहना है कि वह जान जोखिम में डालकर रात में खेतों में रहकर फसलों की रखवाली कर रहे हैं। खेतों में आने वाले हाथियों की संख्या अधिक होने के कारण उनकी चिंता बढ़ गई है।यह भी पढ़ें- Dehradun Car Accident: उत्तराखंड नहीं भूल पा रहा भयावह हादसा, सड़क पर बिखरे पड़े थे कटे-फटे शव कई बार हाथियों को भगाने के प्रयास में हाथी उन पर हमला भी कर चुके हैं। किसानों ने वन प्रभाग के अधिकारियों से रात में गश्त तेज कराने की मांग की है।वनप्रभाग के वनक्षेत्र अधिकारी सलेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि हाथी प्रभावित क्षेत्रों में वनकर्मी गश्त करते हैं। हाथी आने की सूचना पर वनकर्मी हाथियों की रोकथाम के लिये भेज दिए जाते हैं।