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Haridwar Kumbh 2021:नई गाइड लाइन के बाद होगा अखाड़ों को भूमि का आवंटन

Haridwar Kumbh 2021 हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में मठ-मंदिरों आश्रम-अखाड़ों को अपनी छावनी और टेंट-पंडाल लगाने के लिए फिलहाल भूमि आवंटन नहीं होगी । राज्य सरकार ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में ही मेला अधिष्ठान को भूमि आवंटन किए जाने के निर्देश दिए थे।

By Sumit KumarEdited By: Updated: Wed, 03 Feb 2021 08:18 PM (IST)
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हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में मठ-मंदिरों अपनी छावनी और टेंट-पंडाल लगाने के लिए फिलहाल भूमि आवंटन नहीं होगी ।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh 2021: हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में मठ-मंदिरों, आश्रम-अखाड़ों को अपनी छावनी और टेंट-पंडाल लगाने के लिए फिलहाल भूमि आवंटन नहीं होगी । राज्य सरकार ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में ही मेला अधिष्ठान को भूमि आवंटन किए जाने के निर्देश दिए थे। लेकिन, इसके बाद कुंभ को लेकर केंद्र सरकार की एसओपी ने इस पर ब्रेक लगा दिया है। अब मेला अधिष्ठान ने राज्य सरकार से बदली हुई परिस्थितियों में भूमि आवंटन के लिए नए सिरे से दिशा-निर्देश की मांग की है। नई गाइड मिलने के बाद ही भूमि आवंटन की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। मेला अधिष्ठान के पास भूमि आवंटन के लिए पांच सौ से  अधिक प्रस्ताव लंबित हैं।

हरिद्वार कुंभ मेले के लिए आरक्षित 650 हेक्टेयर भूमि में से तकरीबन 380 हेक्टेयर भूमि में मठ-मंदिरों, आश्रम-अखाड़ों के साथ ही विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के टेंट-पंडाल लगने हैं। अखाड़ों की छावनी भी इसका हिस्सा होती है। इसके अलावा सरकारी विभागों, मेला पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को टेंट लगाने के लिए करीब 100 हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया जाता है।

 कोरोना संक्रमण के कारण कुंभ की तैयारियों में हुई देरी के बाद मेला अधिष्ठान ने सरकारी विभागों को अपने-अपने अस्थायी बंदोबस्त करने के लिए भूमि आवंटन शुरू कर दिया। लेकिन, मठ-मंदिरों, आश्रम-अखाड़ों और संस्थाओं को भूमि आवंटन की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की गई। हरिद्वार कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि कुंभ को लेकर राज्य सरकार के नए सिरे से दिशा-निर्देशों के बाद ही भूमि आवंटन को लेकर प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। सरकारी विभागों को भूमि का आवंटन कर दिया गया है। उनके टेंट और पंडाल लगना शुरू हो गए हैं। हरकी पैड़ी क्षेत्र में 120 बेड के अस्पताल के लिए भी भूमि का आवंटन किया गया है, अस्पताल निर्माण का काम चल रहा है। 

बैरागी अणियों, अखाड़ों और खालसों को होगी दिक्कत

मेला क्षेत्र में भूमि आवंटन न होने के कारण तीनों बैरागी अणियों, उनके 18 अखाड़ों और 450 से अधिक खालसों को सबसे अधिक परेशानी उठानी होगी। क्योंकि बैरागी अणियों और अखाड़ों के पास हरिद्वार में अपनी-अपनी छावनी के लिए न तो कोई स्थायी भवन है और न ही उनके पास इसके लिए अपनी कोई भूमि। बैरागी अणियों की परंपरा के अनुसार उनकी तीनों अणियों, उनसे जुड़े अखाड़े और खालसे कुंभ से पहले वृंदावन में यमुना कुंभ (संत समागम) के लिए एकत्र होते हैं और इसकी समाप्ति के बाद यह सभी एक साथ कुंभ वाले स्थान पर पहुंचते हैं।

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इस बार यह संत समागम 25 मार्च को समाप्त हो रहा है। इस लिहाज से सभी बैरागी अणियां, उनके अखाड़े और खालसे इसके तुरंत बाद हरिद्वार पहुंच जाएंगे। ऐसे में इन्हें यहां रहने आदि के लिए छावनी स्थापना की जरूरत पड़ेगी। अगर तब तक भूमि आवंटन नहीं हुई तो इनके लिए यह भारी परेशानी का सबब बनेगा। बैरागी अणियां इसे लेकर कई बार अपनी नाराजगी जता चुकी हैं, उन्होंने कुंभ के बहिष्कार भी चेतावनी भी दी है। 

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