Haridwar Kumbh 2021: कुंभ मेला पथ पर होंगे लोक संस्कृति के दर्शन, ऋषिकुल मार्ग पर हो रहा तैयार
Haridwar Kumbh 2021 तीर्थ यात्रियों को हरिद्वार कुंभ में सनातन संस्कृति के साथ ही ऋषिकुल मार्ग की 800 मीटर लंबी दीवार पर उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपरा के दर्शन होंगे। इसे धर्म और मेला पथ नाम दिया है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sat, 06 Feb 2021 01:51 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh 2021 तीर्थ यात्रियों को हरिद्वार कुंभ में सनातन संस्कृति के साथ ही ऋषिकुल मार्ग की 800 मीटर लंबी दीवार पर उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपरा के दर्शन होंगे। इसे धर्म और मेला पथ नाम दिया है। दीवार पर देवभूमि उत्तराखंड के चारों धाम, प्रमुख धार्मिक स्थलों के म्युरल बनाए जा रहे हैं। साथ ही राज्य के मेलों व पर्वों की सचित्र जानकारी अंकित की जा रही है।
मेला अधिष्ठान हरिद्वार कुंभ और हरिद्वार- रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) के सहयोग से ऋषिकुल मैदान में अस्थायी बस स्टेशन के पास स्थित ऋषिकुल मार्ग की दीवार पर बनाए जा रहे धर्म पथ को चारधाम यात्रा की थीम पर तैयार किया जा रहा है। इसमें गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ का म्युरल लगाया है।
इसके अलावा भगवान शिव की महिमा को दर्शाता म्युरल भी लगाया है। अभी इस जगह के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। इसके साथ ही मेला पथ पर उत्तराखंड के प्रमुख पारंपरिक खान-पान को भी दर्शाया गया है। नंदादेवी राजजात यात्रा, बिस्सु मेला, हरेला, फूलदेई, स्याल्दे बिखौली मेला, गंगा दशहरा, बिडाली महोत्सव आदि का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है।
दीवार को रंगबिरंगे चित्रों और म्युरल के जरिये सजाया और संवारा जा रहा है, जिससे कि यहां से गुजरने वाले देश-विदेश के यात्रियों को राज्य की संस्कृति की भी जानकारी मिले। यहां पर रोशनी की भी व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालु रात में भी धर्म पथ पर चलकर अपनी जिज्ञासा शांत कर सकें। मेला अधिष्ठान इससे पूर्व मेला भवन के करीब दो किमी लंबी दीवार पर इसी तरह रामपथ का निर्माण करा चुका है। रामपथ पर रामायण के प्रमुख 46 प्रसंग को चित्रों और म्यूरल के माध्यम से दर्शाया गया है। ऋषिकुल मार्ग पर धर्म और मेला पथ कुंभ मेला क्षेत्र में भ्रमण करने वालों में धर्म और आध्यात्म का भाव जगा रहा है।
अलग नजर आएगा शिवमूर्ति से हरकी पैड़ी का रास्ता हरिद्वार रेलवे स्टेशन शिवमूर्ति से हरकी पैड़ी के करीब साढ़े तीन किमी के रास्ते को बेहद आकर्षक ढंग से सजाया और संवारा जाएगा। हरिद्वार कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए यह रास्ता आमतौर पर मुख्य मार्ग की तरह इस्तेमाल होता है। शाही स्नान के दौरान अखाड़ों के शाही जुलूस भी इसी रास्ते से होकर गुजरते हैं। इसलिए यहां पड़ने वाले सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठानों पर देवभूमि उत्तराखंड की उपलब्धि, गौरव, इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य को उकेरा जाएगा।
कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि कुंभ मेला क्षेत्र में आने पर श्रद्धालुओं को धर्म-अध्यात्म के साथ ही उत्तराखंड की गौरवशाली परंपरा, धर्मस्थलों की जानकारी मिले इसके लिए पूरे कुंभ मेला क्षेत्र में जानकारियों को चित्रों और म्युरल के माध्यम से दर्शाया जा रहा है। यह भी पढ़ें- कुंभ में होटल बुकिंग को लेकर असमंजस, 3000 से अधिक होटल कोविड केयर सेंटर के लिए चिह्नित
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।