...तो इस बार कुंभ में हिस्सा नहीं ले पाएंगे विदेशी श्रद्धालु, कोरोना के चलते भारत में टूरिस्ट वीजा पर लगी है रोक
Haridwar Kumbh 2021 पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाली कोरोना महामारी का साया हरिद्वार कुंभ पर भी मंडरा रहा है। यही वजह है कि इस बार कुंभ मेले के आयोजन में कोरोना गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 10 Jan 2021 11:56 AM (IST)
कुणाल दरगन, हरिद्वार। Haridwar Kumbh 2021 पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाली कोरोना महामारी का साया हरिद्वार कुंभ पर भी मंडरा रहा है। यही वजह है कि इस बार कुंभ मेले के आयोजन में कोरोना गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। वहीं, भारत में टूरिस्ट वीजा पर रोक होने के चलते इस बार विदेशी श्रद्धालु भी कुंभ में बहुत कम संख्या में नजर आएंगे।
कुंभ में दुनिया भर के देशों से श्रद्धालु पहुंचते रहे हैं। कई अखाड़ों के साधु-संतों के बड़ी संख्या में विदेशी अनुयायी हैैं। वह अपने गुरु की छावनी में कुंभ मेले के दौरान कई माह गुजारते हैं। कुंभ के दौरान निकलने वाली पेशवाई हो या शोभायात्रा, उनमें भी विदेशी श्रद्धालुओं की अलग ही रौनक दिखाई पड़ती है। जूना अखाड़े के पायलट बाबा और सोहम बाबा पिछले कुंभ में अपने सैकड़ों विदेशी अनुयायियों को लेकर हरिद्वार पहुंचे थे, लेकिन इस बार शायद ही विदेशी श्रद्धालु कुंभ मेले में नजर आएं।
हालांकि, कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद टूरिस्ट वीजा पर लगी रोक हटती है तो विदेशी श्रद्धालुओं को भी कुंभ में हिस्सा लेने का मौका मिल सकता है। कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल ने बताया कि मेला पुलिस को कई विदेशियों के ईमेल मिल रहे हैं। विदेश में रह रहे श्रद्धालु कुंभ में पहुंचने को लेकर जानकारी हासिल रहे हैं।
2010 के कुंभ में आए थे 10 हजार से ज्यादा विदेशी श्रद्धालु
साल 2010 में संपन्न हुए हरिद्वार कुंभ में विभिन्न देशों के 10 हजार से ज्यादा विदेशी श्रद्धालु पहुंचे थे। इनमें स्पेन, ब्राजील, कनाडा, जर्मनी, जापान, इंडोनेशिया, मॉरीशस समेत कई अन्य देशों से श्रद्धालु पहुंचे थे। जबकि, वर्ष 2014 अद्र्धकुंभ मेले में कुल 8714 विदेशी श्रद्धालु हरिद्वार आए थे।
विदेशी श्रद्धालुओं को मेला पुलिस के पास दर्ज करानी होती है आमदकुंभ मेले के दौरान धर्मनगरी आने वाले विदेशी श्रद्धालु को औपचारिकता पूरी करने के बाद मेला पुलिस को जानकारी देनी होती है। वह कितने दिन किस संत के छावनी में रहेंगे, इसकी जानकारी मिलने के बाद ही मेला पुलिस विदेशी श्रद्धालुओं की सूची तैयार करती है।
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