संत की कलम से: आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा पर्व है कुंभ- महंत अमनदीप सिंह
Haridwar Kumbh 2021 कुंभ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। प्रत्येक कुंभ मेले की भांति आसन्न कुंभ मेला भी संत और महापुरुषों के आशीर्वाद से निर्विघ्न संपन्न होगा। कुंभ मेले में गंगा स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sat, 09 Jan 2021 10:27 AM (IST)
Haridwar Kumbh Mela 2021 आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा पर्व कुंभ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। प्रत्येक कुंभ मेले की भांति आसन्न कुंभ मेला भी संत और महापुरुषों के आशीर्वाद से निर्विघ्न संपन्न होगा। कुंभ मेले में गंगा स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है। हजारों गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। यह आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा पर्व है।
सनातन संस्कृति और लोक आस्था का महापर्व कुंभ अलौकिक छटा और विशेषताओं के लिए भी जाना जाता है। क्षीर सागर में शेषनाग की रस्सी से किए गए समुद्र मंथन के दौरान निकलीं अमृत की बूंदें हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में गिरी थीं। इसलिए इन स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है। धर्मनगरी हरिद्वार में इस बार 12 वर्षों की बजाए 11 वर्ष में ही कुंभ का विशेष योग बन रहा है। संत महात्मा से लेकर श्रद्धालु भी कुंभ आयोजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। कुंभ मेले में निकलने वाली अखाड़ों की पेशवाई आस्था का केंद्र होती है।
मनुष्य को यदि परमात्मा की प्राप्ति करनी है और अपने जीवन को भव सागर से पार लगाना है तो कुंभ मेले के दौरान पतित पावनी मां गंगा में स्नान कर स्वयं को पुण्य का भागी बनाएं। कुंभ मेले के दौरान स्नान कर संत महापुरुष विश्व कल्याण की कामना करते हैं और संपूर्ण विश्व को एक सकारात्मक धार्मिक संदेश प्रदान करते हैं।
[महंत अमनदीप सिंह, श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल, एक्कड़ शाखा]
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