संत की कलम से: भव्य और दिव्य होगा महाकुंभ, श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार- स्वामी संतोषानंद देव जी महाराज
Haridwar Kumbh Mela 2021 कुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु बेसब्री से कुंभ स्नान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। देश-विदेश से श्रद्धालु भक्त कुंभ मेले में स्नान कर भारतीय सनातन संस्कृति की छटा को बिखरेने का काम करते हैं।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 14 Feb 2021 01:39 PM (IST)
Haridwar Kumbh Mela 2021 कुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु बेसब्री से कुंभ स्नान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। देश-विदेश से श्रद्धालु भक्त कुंभ मेले में स्नान कर भारतीय सनातन संस्कृति की छटा को बिखरेने का काम करते हैं। कुंभ मेला आदि अनादि काल से सनातन संस्कृति का प्रतीक रहा है। प्रत्येक महाकुंभ में जूना अखाड़े के नागा संन्यासी अपना अलग स्थान रखते हैं।
वर्षों की तपस्या के बाद नागा संन्यासी कुंभ मेले के दौरान बाहर निकलते हैं और लाखों, करोड़ों श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वाद देकर विश्व कल्याण की कामना करते हैं। नागा संन्यासियों की अलौकिक क्षमता और तेज देखकर देश ही नहीं विदेशी भी आश्चर्यचकित रह जाते हैं। संपूर्ण विश्व में कोई ऐसा देश नहीं है जहां इस तरह का धार्मिक आयोजन होता है। इसमें सभी धर्म संप्रदाय के लोग आपस में मिलजुल कर पतित पावनी मां गंगा में स्नान कर अपने जीवन को सफल बनानते हैं।
कुंभ स्नान से जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होता है। कुंभ मेला सनातन हिंदू धर्म का महान, विशाल पर्व है। सनातन हिंदू धर्म की आस्था, मान्यताओं का प्रतिविंब है। कोविड संक्रमण के बीच हो रहा कुंभ मेला संत महंतों के आशीर्वाद से दिव्य और भव्य ही नहीं बल्कि अपने पारंपरिक स्वरूप में होगा।
[स्वामी संतोषानंद देव जी महाराज, महामंडलेश्वर श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन]
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