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Haridwar Kumbh Mela 2021: हरिद्वार कुंभ में 670 करोड़ के कार्य, अधिकांश पूरे

Haridwar Kumbh Mela 2021 हरिद्वार में कुंभ के निमित्त छह मार्च तक 661.937 करोड़ के स्थायी-अस्थायी प्रकृति के कुल 203 कार्य किए जाने थे। इनमें से अधिकांश पूरे हो चुके हैं। कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण सिडकुल-धनौरी मार्ग और ऋषिकेश आस्था पथ का काम रूका है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 18 Mar 2021 11:17 AM (IST)
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हरिद्वार में कुंभ के निमित्त छह मार्च तक 661.937 करोड़ के स्थायी-अस्थायी प्रकृति के कुल 203 कार्य किए जाने थे।
अनूप कुमार, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 हरिद्वार में कुंभ के निमित्त छह मार्च तक 661.937 करोड़ के स्थायी-अस्थायी प्रकृति के कुल 203 कार्य किए जाने थे। इनमें से अधिकांश पूरे हो चुके हैं। कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण सिडकुल-धनौरी मार्ग और ऋषिकेश आस्था पथ का काम रूका है। अस्थायी प्रकृति के 117 कार्यों में से अब तक करीब 95 कार्य ही अपनी पूर्णता: की ओर हैं। स्थायी प्रकृति के मद में 345.74 करोड़ और अस्थायी प्रकृति के मद में 316.19 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा हरकी पैड़ी क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए इंडियन ऑयल कारपोरेशन के सीएसआर फंड से 28 करोड़ अलग से खर्च किए गए हैं।

कुंभ को लेकर कुंभनगरी, महामंलेश्वर नगर, गौरीशंकर क्षेत्र में अभी तक कोई भी काम नहीं हुआ है। इसकी मुख्य वजह शासन स्तर से मेला अधिष्ठान को अब तक इसके लिए कोई आदेश का न मिलना है। अब इसकी संभावना भी नहीं रह गयी है, क्योंकि कुंभ के 12 अप्रैल के स्नान को एक माह से भी कम का समय रह गया है। अधिकांश महामंडलेश्वरों ने किराए के भवन, धर्मशालाओं में अपने पंडाल स्थापित कर लिए हैं।

कुंभ के लिए हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्वार की ओर से छह करोड़ रुपये की लागत से शहर के 15 चौराहों और 11 करोड़ से 123 पार्कों का सौंदर्यीकरण कराया गया है। दो करोड़ में शहर की विभिन्न सड़कों पर पेंट माई सिटी के तहत चित्रकारी कराई गई है। उत्तराखंड सिंचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग की ओर से विभिन्न पुलों और गंगा घाटों पर रंगाई पुताई का कार्य भी कराया गया है।

इसके अलावा चार करोड़ 27 लाख से साढ़े आठ किमी की सीवर लाइन बिछाई गई है। कुंभ मेला क्षेत्र के शहरी इलाकों पर कुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के दबाव को देखते हुए मेला अधिष्ठान ने चार करोड़ 87 लाख से साढ़े आठ किमी लंबी सीवर लाइन की स्थापना भी की है। इससे 2315 परिवार लाभांवित हुए हैं।

भीड़ नियंत्रण में मददगार साबित होगा रेल लेवल प्लेटफार्म

रेलवे प्रशासन ने मेला प्लेटफार्म के समीप बने मालगोदाम को तोड़ वहां रेल लेवल प्लेटफार्म का निर्माण किया है। भीड़भाड़ बढ़ने पर इस प्लेटफार्म का उपयोग किया जाएगा। प्लेटफार्मों को यात्री सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। झंडा ग्राउंड में रेलकर्मियों के पुराने आवास को तोड़ वहां होल्डिंग एरिया तैयार किया गया है। रेलवे के सहायक मंडल अभियंता गणोश ठाकुर ने बताया कि यात्रियों की सुविधा को 56 टिकट काउंटर भी बनाए जा रहे हैं। यहां आरक्षित, अनारक्षित टिकट काउंटरों के अलावा पूछताछ केंद्र भी होंगे।

दीपक रावत (हरिद्वार कुंभ मेलाधिकारी) ने कहा कि स्थायी प्रकृति के लगभग सभी कार्य पूरे हो गए हैं, अस्थायी प्रकृति के 117 कार्यों में से 100 के करीब पूरे हो चुके हैं, जबकि बाकी तेजी से पूरा होने की राह पर हैं। शंकराचार्यनगर के भूमि का आवंटन कर दिया गया है, बैरागी अणियों को भी भूमि आवंटन हो गया है।

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