Haridwar Kumbh Mela 2021: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा- पारंपरिक स्वरूप में दिव्य और भव्य होगा कुंभ
Haridwar Kumbh Mela 2021 मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ 12 साल में एक बार आता है। संतों के आशीर्वाद से यह दिव्य और भव्य ही नहीं अपने पारंपरिक स्वरूप में होगा। कहा कि कुंभ उत्तराखंड प्रदेश ही नहीं बल्कि देश और दुनिया का भी कुंभ है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 15 Mar 2021 11:33 AM (IST)
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ 12 साल में एक बार आता है। संतों के आशीर्वाद से यह दिव्य और भव्य ही नहीं अपने पारंपरिक स्वरूप में होगा। कहा कि कुंभ उत्तराखंड प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया का भी कुंभ है। कोविड की बाध्यता है, लेकिन यह रुकावट नहीं बनेगा। हमें किसी को भी कुंभ स्नान से वंचित नहीं रखना है।
रविवार को ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के पंडित मदन मोहन मालवीय ऑडिटोरियम में समदृष्टि, क्षमता विकास और अनुसंधान मंडल (सक्षम) की ओर से 27 अप्रैल तक चलने वाले नेत्र कुंभ का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने यह बातें कही। इसके पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण आदि ने दीप प्रज्वलन किया।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सरकार दिव्य, भव्य कुंभ का आयोजन कराने को तत्पर है। कहा कि महाशिवरात्रि पर धर्मनगरी में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इस कदम से साधु संत ही नहीं आमजन और व्यापारी भी उत्साहित हैं। कुंभ के शाही स्नानों पर इसको और विस्तार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जिन 4500 व्यक्तियों पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे वह वापस लिए गए। हमें कोविड गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। विशेष ट्रेनों के लिए भी उनका प्रयास रहेगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कुंभ को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सरकार को आगे भी हरिद्वार कुंभ को प्रयागराज से बेहतर कराने के लिए कार्य करना चाहिए। जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि हम जो कुछ करते हैं वही हमें देखने को मिलता है। दुनिया देखने के लिए नेत्र ज्योति बहुत महत्वपूर्ण है।
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सेवा परम धर्म है। सक्षम के इस सेवा कार्य को नमन करते हैं। कहा नेत्र विकार को दूर करने के क्षेत्र में हंस फाउंडेशन की माता मंगला का कार्य भी सराहनीय है। उन्होंने पतंजलि की ओर से भी ऐसे नेक कार्य में सहयोग का भरोसा दिया। इस मौके पर सक्षम के राष्ट्रीय अध्यक्ष दयाल सिंह पंवार ने कहा नेत्र कुंभ का नारा जीते-जीते रक्तदान, जाते-जाते नेत्रदान है। हंस फाउंडेशन की माता मंगला ने कहा कि हंस फाउंडेशन नेत्र कुंभ में पूरा सहयोग प्रदान करेगा। कहा हरिद्वार में फाउंडेशन की दो यूनिट नेत्र रोगियों की सेवा कर रही है। कहा कि इस नेत्र कुंभ में आने वाले नेत्रहीनों को दृष्टि का प्रसाद मिलेगा।
सीएम ने संतों से लिया आशीर्वादऋषिकुल के बाद मुख्यमंत्री कनखल स्थित हरिहर आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि आदि से मुलाकात की। इसके बाद मुख्यमंत्री निरंजनी अखाड़ा पहुंचे। जहां उनका आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, निरंजनी अखाड़ा के सचिव रवींद्रपुरी महाराज, आनंद पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरि आदि ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने अखाड़े में भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना भी की।
विद्यार्थियों ने किया सरस्वती वाचननेत्र कुंभ के उद्घाटन पर वेद विद्यालय कनखल के 11 विद्यार्थियों ने सरस्वती वाचन और वैदिक मंत्रोच्चार किया। स्वागत समिति के अध्यक्ष उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील जोशी ने अतिथियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। उद्योगपति जेसी जैन, अरुण सारस्वत, शिवालिकनगर पालिकाध्यक्ष राजीव शर्मा, मोनू त्यागी, जगदीश लाल पाहवा आदि मौजूद रहे। मंच संचालन अमित चौहान ने किया। इस मौके पर महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि, जिलाधिकारी सी रविशंकर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस, एम्स ऋषिकेश के डायरेक्टर डॉ रविकांत, डॉ यतींद्र नाग्नान, आरएसएस के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले, आरआरएस के प्रांत प्रचारक युद्धवीर आदि मौजूद रहे।
चरण पादुका मंदिर में सीएम ने संतों से लिया आशीर्वादमुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में संतों का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि और निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि की अगुआई में संतों ने मुख्यमंत्री को शॉल और उनकी पत्नी को माता की चुनरी ओढ़ाकर व मां मंसा देवी की प्रतिमा भी भेंट कर आशीर्वाद प्रदान किया।
इस दौरान श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि वर्ष 2010 के कुंभ मेले की तर्ज पर 2021 के कुंभ में व्यवस्थाएं की जाए। संत महापुरुषों को कुंभ की व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए। निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि कुंभ की दिव्यता भव्यता को लेकर मुख्यमंत्री विशेष रुचि ले रहे हैं। आनंद पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले में पूजा पाठ, कथा प्रवचन पर लगी पाबंदियों को भी सरकार को हटाना चाहिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने संतों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वर्ष 2010 में संपन्न हुए कुंभ की तर्ज पर ही सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
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