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श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी की पेशवाई के साथ कुंभनगर हरिद्वार में प्रवाहित हुई धर्म-अध्यात्म की गंगा; तस्वीरों में देखें आस्था

Haridwar Kumbh Mela 2021 धर्मनगरी हरिद्वार में अगले तीन दिन पांच संन्यासी अखाड़ों की पेशवाई का उल्लास रहेगा। आज पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की पेशवाई निकलने से कुंभ का भव्य स्वरूप देखने को मिलेगा। संत भी जुटने शुरू हो गए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Wed, 03 Mar 2021 07:39 PM (IST)
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धर्मनगरी में कुछ ही देर में निकलेगी निरंजनी अखाड़े की पेशवाई। जागरण
संवाद सहयोगी, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 दिव्य, भव्य एवं अलौकिक। कोविड-19 से बचाव की थीम पर निकली श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी की पेशवाई के दौरान बुधवार को ऐसा ही था कुंभनगरी हरिद्वार का नजारा। जिसे देख हर कोई भावविभोर हो उठा और चारों दिशाओं में प्रवाहित होने लगी धर्म-अध्यात्म की गंगा। राजसी ठाट-बाट से निकाली गई पेशवाई ने धर्मनगरी में सनातनी संस्कृति के वैभवशाली स्वरूप के दर्शन कराए। 'हर-हर महादेव' व 'जय गंगा मैया' के उद्घोष गगनमंडल गुंजायमान हो उठा। एक ओर पैरा-ग्लाइडर व हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा हो रही थी तो दूसरी ओर दस किमी लंबे पेशवाई मार्ग के दोनों मकान व दुकानों की छत पर खड़े श्रद्धालु भी भावविभोर हो पेशवाई पर फूलों की वर्षा कर रहे थे। पेशवाई में शामिल 30 से अधिक बैंड दल अपने मधुर संगीत से वातावरण में भक्ति का रस घोल रहे थे। 

एसएमजेएन कालेज मैदान में बनी अस्थायी छावनी से निकाले गए श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी के करीब तीन किमी लंबे पेशवाई जुलूस में शामिल एक हाथी, पांच ऊंट, 40 घोड़े, 150 नागा संन्यासी, 40 महामंडलेश्वर, 60 श्रीमहंत व महंत, 80 रथ और तीन हजार के करीब साधु-संत पूरे पेशवाई मार्ग पर अद्भुत सम्मोहन बिखेर रहे थे। पेशवाई में सबसे आगे निरंजनी अखाड़े की धर्मध्वजा लहरा रही थी। उसके पीछे अखाड़े के आराध्य भगवान कार्तिकेय की पालकी और फिर अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित नागा संन्यासी हैरतअंगेज करतब दिखाते चल रहे थे। इसके बाद निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि का रथ था और साथ में महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत-महंत और साधु-संत चल रहे थे।

भव्य पेशवाई के साथ ही तपोनिधि श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी और आनंद अखाड़े के नागा संन्यासियों व संतों ने निरंजनी अखाड़े की छावनी में प्रवेश किया। इनमें अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं निंरजनी अखाड़े के श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी, श्रीमहंत रामरतन गिरि, आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि समेत कई प्रमुख संत शामिल रहे। पेशवाई में शामिल नागा संन्यासियों व संत- महात्माओं के दर्शनों को दिनभर सड़क के दोनों ओर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई पेशवाई शंकर आश्रम, सिंहद्वार, कनखल, शंकराचार्य चौक, तुलसी चौक, रेलवे रोड शिवमूर्ति व ललतारौ पुल होते हुए देर शाम निंरजनी अखाड़े में जाकर संपन्न हुई।

'दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी'

उत्साह एवं उमंग के इस वातावरण में श्रद्धालु कोविड-19 के खतरे को भी बिसरा बैठे और अपने-अपने आराध्य के दर्शनों को सड़कों पर उमड़ पड़े। बावजूद इसके सनातन धर्म के शिखर पुरुषों ने यहां भी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति पूरी सजगता दिखाई और पूरे पेशवाई मार्ग पर कोविड-19 से बचाव का संदेश 'दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी' देते रहे। यही पेशवाई की मुख्य थीम भी थी।

मुख्यमंत्री ने किया पेशवाई का शुभारंभ

पूजा-अर्चना और संत-महात्माओं से आशीर्वाद लेने के बाद पेशवाई का विधिवत शुभारंभ सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गंगा मैया और संत-महात्माओं के आशीर्वाद से हरिद्वार कुंभ दिव्य एवं भव्य होगा। इसके लिए सरकार कृत संकल्प है और कोविड-19 की गाइडलाइन के बीच हरसंभव तैयारी कर रही है। निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि कुंभ सनातन संस्कृति का शिखर पर्व और विश्र्व का सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान है।

 कहा कि नागा संन्यासियों के अखाड़े की छावनी में प्रवेश के साथ कुंभ मेला संपन्न होने तक सभी संत छावनी में ही रहेंगे और कुंभ के दौरान पडऩे वाले प्रमुख स्नान पर्वों पर शाही स्नान करेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि पेशवाई कुंभ की शुरुआत का पहला बड़ा आयोजन होता है और निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के साथ ही कुंभ की शुरुआत हो गई है। 

इससे पूर्व, भोर होने पर अखाड़े के श्रीमहंत-महंत और श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट न्यास के सदस्य युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि, स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी व निरंजनी व आनंद अखाड़े के संतों ने अखाड़े की परंपरा अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पेशवाई के निमित्त समस्त कर्मकांड संपन्न किए। सभी ने भंडारे का भोग लगाया।

 इस मौके पर जिलाधिकारी सी.रविशंकर, मेलाधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, हरबीर सिंह, कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल, एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस, मेला एसएसपी जनमेजय खंडूड़ी, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय आदि मौजूद रहे।

केंद्रीय मंत्री रहीं आकर्षण का केंद्र

केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप पहली बार पेशवाई में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि पहली पेशवाई में शामिल होकर वह रोमांचित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय संस्कृति एवं धार्मिक धरोहर सहेजने को लेकर काफी गंभीर हैं। कुंभ उनकी प्राथमिकता में शामिल है और इसके लिए सरकार को व्यापक पैमाने पर कड़े व बड़े इंतजाम करने पड़े हैं। उन्होंने कहा कि अगर धर्म व राजनीति में से उन्हें किसी एक को चुनना पड़े तो वह धर्म को प्राथमिकता देंगी।

 

संत समाज ने किया भव्य स्वागत

कनखल स्थित हरे राम आश्रम के समीप अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री एवं जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के नेतृत्व में संत-महात्माओं को फूल माला पहनाकर पेशवाई का भव्य स्वागत किया गया। 

इस मौके पर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, कोठारी महंत दामोदर दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत निर्मलदास, मुखिया महंत भगतराम आदि मौजूद रहे।

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