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Haridwar News: महंत रामगोविंद दास हत्याकांड में शव ठिकाने लगाने वाली स्कूटी बरामद, चार आरोपी गिरफ्तार

हरिद्वार में श्रद्धा भक्ति आश्रम ज्ञानलोक कालोनी के महंत रामगोविंद दास की हत्या के मामले में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने उस स्कूटी को बरामद कर लिया है जिसका इस्तेमाल महंत के शव को ठिकाने लगाने के लिए किया गया था। आरोपितों ने इस स्कूटी को हरिद्वार से किराए पर लिया था। दो अभी भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

By Anoop kumar singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 23 Oct 2024 09:02 AM (IST)
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हत्या के आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा है जेल। फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। श्रद्धा भक्ति आश्रम ज्ञानलोक कालोनी हरिद्वार के ब्रह्मलीन महंत रामगोविंद दास की हत्या के बाद उनके शव को ठिकाने लगाने में इस्तेमाल की गई स्कूटी को कनखन थाना पुलिस ने मंगलवार को हरिद्वार से बरामद कर लिया। आरोपितों ने ऋषिकेश नंबर की इस स्कूटी को हरिद्वार से किराए पर लिया था। इसके लिए आरोपितों ने मामले में फरार चल रहे आरोपित बागपत निवासी प्रदीप के आधार कार्ड और वाहन लाइसेंस का उपयोग किया था।

इस मामले में चिन्हित छह में चार आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि दो बागपत उप्र निवासी प्रदीप और शामली उप्र निवासी सौरभ फरार चल रहे हैं। दोनों के फोन बंद आ रहे हैं और दोनों ही अपना घर छोड़ चुके हैं। पुलिस मुखबिर तंत्र का उपयोग कर उनके बारे में जानकारी जुटा रही है। कुछ जानकारी मिली है,

कनखल थानाध्यक्ष मनोज नौटियाल का दावा है कि जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बताया कि इस मामले में फर्जी वसीयत तैयार कराने वाले अधिवक्ता के अलावा कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं, मामले में उनकी संलिप्तता की भी जांच हो रही है। उनके खिलाफ आरोप प्रमाणित होते ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।

इंजेक्शन लगाने के बाद दबाया था गला

विगत एक जून को दिल्ली निवासी कपड़ा व्यवसायी अशोक कुमार ने अपने साथियों के साथ मिल कर श्रद्धा भक्ति आश्रम ज्ञानलोक कॉलोनी हरिद्वार के महंत रामगोविंद दास की नशे का इंजेक्शन देकर बेहोश करने के बाद गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद आरोपितों ने महंत के शव को बोरे में भर कर स्कूटी से ले जाकर गंगा में बहा दिया था। इस काम के लिए आरोपितों ने आश्रम की स्कूटी के साथ-साथ ऋषिकेश नंबर की स्कूटी को किराए पर लिया था।

इसी स्कूटी से शव को लगाया था ठिकाने।

किराए पर लगी थी स्कूटी

एक जून की शाम को यह स्कूटी हरिद्वार से किराए पर ली गई थी, जिसे ऋषिकेश से मंगाकर आरोपितों ने महंत के शव को ठिकाने लगाने में इस्तेमाल किया था। रात मे आरोपितों ने बोरे में बंद महंत के शव को स्कूटी से लेजाकर गंगा में बहा दिया था। बताया जा रहा है कि स्कूटी हरिद्वार रेलवे स्टेशन के पास से किराए पर ली गई थी। इसकी जानकारी होने पर पुलिस ने कड़ी से कड़ी मिलाते हुए मंगलवार को स्कूटी को बरामद करते हुए अपने कब्जे में ले लिया है।

पुलिस ने नहीं दी क्लीन चिट

प्रथम दृश्ट्या इस मामले में स्कूटी को किराए पर चलाने वाले की संलिप्तता सामने नहीं आई है, हालांकि पुलिस ने अभी उसे क्लीन चिट नहीं दी है। क्योंकि माना जा रहा है कि आरोपितों ने सुनयोजित षड़यंत्र के तहत ही ऋषिकेश नंबर की स्कूटी को किराए पर लिया, घटना वाले दिन स्कूटी ऋषिकेश में थी। उसे वहां से मंगाकर महंत के शव को ठिकाने लगाने में इस्तेमाल किया। ऐसा करने के पीछे आरोपितों की मंशा क्या थी, पुलिस इसका इसका पता लगा रही है।

नहीं मिला गंगा में शव

गंगा में महंत के शव की तलाश चौथे दिन भी जारी रही पर, पुलिस को सफलता नहीं मिली। लगातार चार दिनों तक गंगा में महंत की शव की तलाश के बावजूद सफलता न मिलने पर अब गोताखोरों में मायूसी छाने लगी है।

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