ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद को हरिद्वार के संतों ने दी श्रद्धांजलि, की राष्ट्रीय शोक घोषित करने की मांग
Shankaracharya Swami Swaroopanand हरिद्वार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित करने की मांग की है। इस दौरान उन्हें भारत रत्न भी देने की मांग की गई।
By Nirmala BohraEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 09:38 AM (IST)
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: Shankaracharya Swami Swaroopanand : संत-महात्माओं ने ज्योर्ति और द्वारका-शारदा पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित करने की मांग की है। संत-महात्माओं ने सोमवार को धर्मनगरी हरिद्वार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान उन्हें भारत रत्न भी देने की मांग की गई।
श्रद्धांजलि सभा में भारत साधु समाज, षड्दर्शन साधु समाज और सभी 13 अखाड़ों के संत-महापुरुषों ने कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके निधन को सनातन जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया। पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज सनातन धर्म के ध्वजवाहक थे।चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष और भारत साधु समाज के प्रवक्ता स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज सनातन संस्कृति के पुरोधा थे। उनका निधन अपूरणीय क्षति है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (महानिर्वाणी) के अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि महापुरुषों का कैलाश गमन हमेशा ही देश एवं समाज के लिए दुख का विषय है।
जगतगुरु शंकराचार्य महाराज ने स्वतंत्रता संग्राम में देश को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद और पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि पूज्य ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का सरल जीवन और उत्तम चरित्र युवा संतों के लिए प्रेरणा से परिपूर्ण है।
ज्ञानव्यापी पर अदालत का फैसला सम्मानीय: श्रीमहंत रविंद्र पुरी
ज्ञानवापी मामले को अदालत के फैसले पर संतों ने खुशी जताई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि अदालत के फैसले का हम सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह हिंदू समाज की जीत है।ज्ञानवापी परिसर में मंदिर अनेक साक्ष्य और प्रमाण हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने पेश किए हैं, जो चीख-चीख कर मंदिर होने का प्रमाण दे रहे हैं। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश प्रदेश विकास की ओर अग्रसर है।
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