Hathras Satsang Stampede: हाथरस की तरह ही हरिद्वार में भी दो बार मचा मौत का तांडव, भगदड़ में गई थीं 28 जान
Hathras Satsang Stampede उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को बड़ी दर्दनाक घटना हुई। जिसके बाद धर्मनगरी हरिद्वार के हर बाशिंदे को 8 नवंबर 2011 का वह स्याह दिन याद आया। जब हरकी पैड़ी में इसी तरह भगदड़ मच गई थी और कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। 2010 में महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ में आठ लोगों ने दम तोड़ दिया था।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Hathras Satsang Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को बड़ी दर्दनाक घटना हुई। भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से सैकड़ों की संख्या में पहुंचे भक्त घायल हो गए। वहीं अभी तक 116 मौतों की पुष्टि हुई है।
साल 2011 में हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी में इसी तरह भगदड़ मच गई थी और कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। 2010 में भी अप्रैल में महाकुंभ के दौरान भगदड़ मची थी और आठ लोगों ने दम तोड़ दिया था।
8 नवंबर 2011 का स्याह दिन
हाथरस में सत्संग में हुई भगदड़ की घटना ने हरिद्वार के जख्मों को भी हरा कर दिया है। मंगलवार को हाथरस में मचे इस मौत के ताडंव के बाद धर्मनगरी हरिद्वार के हर बाशिंदे को 8 नवंबर 2011 का वह स्याह दिन याद आया।जानकारी के मुताबिक, 8 नवंबर 2011 को हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हरकी पैड़ी घाट पर भगदड़ मच गई थी। हरकी पैड़ी के पार नीलधारा के निकट मची भगदड़ में 20 लोगों की जान चली गई थी। इनमें 14 महिलाएं थीं। वहीं घटना में 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे।उस दिन शांतिकुंज आश्रम के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का जन्मशती समारोह मनाया जा रहा था।
नीलधारा से लगे लालजीवाला में बने 1551 यज्ञकुंडों में आहुति देने के लिए बड़ी संख्या में गायत्री साधक एकत्र हो गए थे।
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