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Hemkund Sahib Yatra: 11 अक्टूबर को बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, ट्रस्टियों की बैठक में लिया गया निर्णय

Hemkund Sahib Yatra सिखों के प्रमुख तीर्थ तथा उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में पहचान रखने वाले गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 11 अक्टूबर 2023 को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब ट्रस्ट अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 20 मई को श्री हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 28 Aug 2023 03:15 PM (IST)
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11 अक्टूबर को बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Hemkund Sahib Yatra: सिखों के प्रमुख तीर्थ तथा उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में पहचान रखने वाले गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 11 अक्टूबर 2023 को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब ट्रस्ट अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने इस संबंध में जानकारी दी।

बिंद्रा ने बताया कि 20 मई को श्री हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। अब तक 2,27,500 श्रद्धालुओं ने गुरु दरबार साहिब में हाजिरी भरी व माथा टेका।

ट्रस्टियों की बैठक में हेमकुंड साहिब के कपाट को बंद करने का निर्णय

उन्होंने बताया कि कपाट खुलने के बाद जून माह तक हेमकुंड साहिब में तीर्थ यात्रियों की संख्या अच्छी रही। जबकि जुलाई व अगस्त माह में तीर्थ यात्राओं की संख्या में कमी आई है। उन्होंने बताया कि विगत दिवस ट्रस्टियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि हेमकुंड साहिब के कपाट 11 अक्टूबर 2023 को बंद किए जाएंगे।

20 मई से शुरू हुई थी यात्रा

बता दें इस साल श्री हेमकुंड साहिब धाम (Hemkund Sahib Dham) की यात्रा 20 मई से शुरू हुई थी। हर साल की तरह इस बार भी हेमकुंड साहिब यात्रा के शुरू होने के बाद बर्फबारी के चलते कई बार यात्रा बाधित हुई। 

हर साल लाखों की संख्या में आते हैं श्रद्धालु

प्रतिवर्ष श्री हेमकुण्ड साहिब (Hemkund Sahib) में बर्फ अधिक मात्रा में होती है उसको हटाने की सेवा भारतीय सेना के जवान करते हैं। श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा एवं गुरु महाराज के सम्मुख मत्था टेकने के लिये प्रतिवर्ष देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रृद्धालु आते हैं।

इस दौरान श्रृद्धालुओं की अन्य सुख-सुविधाओं जैसे कि लंगर पानी, चिकित्सा सहायता आदि का भी विशेष ध्यान रखा गया। गुरुद्वारा श्री हेमकुण्ड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट, यात्रा प्रबंधन का जिम्मा संभाले हुआ था।  ट्रस्ट गुरुद्वारा ने किसी तरह की अफवाहों में आए बिना ट्रस्ट से संपर्क करके यात्रा संबंधी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश भी दिए। 

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