कोरोना संदिग्धों को ट्रैक करेगा आइआइटी का एप, पढ़िए पूरी खबर
कोविड-19 संदिग्धों की निगरानी को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने एक खास ट्रैकिंग मोबाइल एप्लिकेशन (एप) विकसित की है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 07 Apr 2020 12:24 PM (IST)
रुड़की, जेएनएन। कोविड-19 संदिग्धों की निगरानी को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने एक खास ट्रैकिंग मोबाइल एप्लिकेशन (एप) विकसित की है। अत्याधुनिक गुणवत्ताओं से संपन्न यह एप न सिर्फ कोरोना संदिग्धों को ट्रैक कर सकता है, बल्कि उनके आसपास जियो फेन्सिंग का निर्माण भी कर सकता है। क्वारंटाइन किए गए व्यक्ति के जियो फेन्सिंग का उल्लंघन करने पर एप के जरिये सिस्टम को अलर्ट भी प्राप्त होगा।
आइआइटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो.कमल जैन ने बताया कि अगर किसी वजह से जीपीएस डेटा प्राप्त नहीं होता तो लोकेशन का पता स्वचालित रूप से मोबाइल टावरों के ट्राईग्युलेशन से प्राप्त किया जा सकेगा। यदि किसी खास जगह पर इंटरनेट काम नहीं कर रहा तो उस जगह का पता एसएमएस से लग जाएगा।एप के बंद होने की स्थिति में शीघ्र ही अलर्ट मिलेगा और डिवाइस पर एसएमएस भेजकर संबंधित स्थान का पता लगाया जा सकेगा। बताया कि यह क्वारंटाइन व्यक्ति या स्थान की तस्वीरों को एक सर्वर पर जियोटैग इमेज अपलोड करने वाले एक गूगल मैप पर साझा करने की अनुमति देता है। साथ ही निगरानीकर्ता एक मैप पर सभी रिपोर्ट देख सकते हैं। यदि इसका उपयोग प्रभावित व्यक्ति के साथ किया जाता है तो यह एक खास अवधि के दौरान उसके आसपास के सभी लोगों का रिकॉर्ड उपलब्ध करा सकता है।
प्रो. जैन ने बताया कि ट्रैकिंग सिस्टम कोविड-19 के लिए अत्याधुनिक निगरानी की व्यवस्था प्रदान करता है। क्वारंटाइन प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने के अलावा यह निर्धारित एजेंसी को अलर्ट देकर किसी भी जगह पर भीड़-भाड़ को दूर करने में मदद करता है। बताया कि संकट की इस घड़ी में सरकारी प्रयासों के पूरक के तौर पर संस्थान का यह छोटा-सा प्रयास है। दूसरी ओर, संस्थान के निदेशक प्रो. अजित के.चतुर्वेदी ने कहा कि यह प्रणाली कोविड-19 संदिग्धों की ट्रैकिंग और निगरानी में बहुत मदद करेगी।
प्लग एंड प्ले डिवाइस
यह निगरानी प्रणाली एक प्लग एंड प्ले डिवाइस है, जो दो, दस या 20 सेकंड के अंतराल में सूचनाओं के जरिये प्लस/माइनस पांच मीटर तक की सटीकता के साथ ट्रैकिंग की अनुमति देता है। लाइव ट्रैकिंग के अलावा निगरानीकर्ता किसी व्यक्ति की पूरी मूवमेंट हिस्ट्री जान सकता है। डेटा के नुकसान की स्थिति में डिवाइस संबंधित टीम को अलर्ट भेजता है। एप की अन्य विशेषताओं में मल्टी-कैमरा सपोर्ट, सर्विलांस मैग्नेटिक डिवाइस, हाल्ट टाइम और प्रीसेट ऑटो कैमरा क्लिक शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: एम्स ऋषिकेश में होगी आइआइटी में विकसित किए गए वेंटिलेटर की टेस्टिंगऐसे काम करेगा एपआइआइटी के विकसित किए एप को क्वारंटाइन किए जा रहे कोरोना संदिग्धों के मोबाइल पर डाउनलोड किया जाएगा। साथ ही जिस क्षेत्र में वे रह रहे हैं, उसे मोबाइल में फीड किया जाएगा। इसके बाद जीपीएस सिस्टम के जरिये उनकी लोकेशन पर निगरानी रखी जाएगी। यदि क्वारंटाइन किए जा रहे व्यक्ति निर्धारित क्षेत्र से बाहर जाएंगे तो उनकी लोकेशन सर्वर में आ जाएगी। इससे यह पता लग जाएगा कि वे निर्धारित क्षेत्र से बाहर चले गए।
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