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पतंजलि में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का दूसरा दिन, बोले बाबा रामदेव - स्वास्थ्य और समृद्धि के ल‍िए जीना होगा प्राकृतिक जीवन

International Seminar in Patanjali पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन बाबा रामदेव ने पतंजलि विश्वविद्यालय में पारंपरिक भारतीय चिकित्सा का आधुनिकीकरण लोक स्वास्थ्य एवं औद्योगिक परिपेक्ष्य विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन यह विचार व्यक्त किए।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Tue, 02 Aug 2022 12:32 PM (IST)
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International Seminar in Patanjali : चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मौजूद गणमान्‍य लोग। जागरण
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : International Seminar in Patanjali : पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए हमें प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाना होगा। आज करोड़ों व्यक्तियों ने अपनी गृहवाटिका में तुलसी, एलोवेरा और गिलोय को स्थान दिया है, जो उन्हें स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान कर रहा है। बाबा रामदेव ने मंगलवार को पतंजलि विश्वविद्यालय में पारंपरिक भारतीय चिकित्सा का आधुनिकीकरण: लोक स्वास्थ्य एवं औद्योगिक परिपेक्ष्य विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन यह विचार व्यक्त किए।

हम सभी को मिलकर भारत को दोबारा बनाना है विश्वगुरु बनाना

पतंजलि अनुसंधान संस्थान (पीआरआइ) के अध्यक्ष और पतंजलि विवि के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि का आयुर्वेद के क्षेत्र में योगदान को विस्तार से बताया। कहा कि पतंजलि के शोध और आयुर्वेदिक दवा की दुनिया में स्वीकार्यता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर भारत को दोबारा विश्वगुरु बनाना है।

नियमित योग-व्यायाम को अपनी जीवन शैली में जोड़ने की सलाह

द्वितीय दिवस के मुख्य अतिथि अमेरिका के डा. यूएन दास ने ड्रग डिस्कवरी और क्लिनिकल ट्रायल की प्रक्रिया के बारे में बताया। सभी से पौष्टिक आहार लेने और नियमित योग-व्यायाम को अपनी जीवन शैली में जोड़ने की सलाह दी। आयोजन समिति के अध्यक्ष डा. वेदप्रिया ने बताया कि सम्मेलन में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 21 देशों के लगभग 50 से अधिक शिक्षण संस्थानों से बड़ी संख्या में प्रतिभागी जुड़े हैं। पतंजलि आयुर्वेद कालेज के सहायक आचार्य डा. राजेश मिश्रा ने वैदिक पादपवर्गिकी विषय पर वहीं डीआरडीओ के वैज्ञानिक डा. रंजीत सिंह ने सीबकथोर्न विषय पर अनुभव साझा किए।

इन व‍िषयों पर व्‍यक्‍त क‍िए व‍िचार

आइआइटी गुवाहटी के प्रो. राखी चतुर्वेदी ने प्लांट टिशू कल्चर तकनीक, तमिलनाडु कृषि विवि के डा. के. राजामणि ने औषधीय पादप विषय पर, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय हरियाणा के कुलपति प्रो. जेपी यादव ने आयुर्वेद से डेंगू वायरस के नियंत्रण पर विस्तार से प्रकाश डाला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रो. एसएस कंवर ने बौद्धिक संपदा, दिल्ली विवि के प्रो. रूपम कपूर ने मलेरिया के निदान में आयुर्वेद की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। भारत स्वाभिमान के मुख्य केंद्रीय प्रभारी स्वामी परमार्थदेव और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विवि, अमरकंट के प्रो. टी. शेखर ने भी विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में पतंजलि विवि के प्रति कुलपति डा. महावीर अग्रवाल, डा. साध्वी देवप्रिया, डा. केएनएस यादव, डा. वीके कटियार, पीआरआइ के वैज्ञानिक डा. अनुराग वार्ष्णेय, डा. अनुपम श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

59 महत्वपूर्ण ग्रंथों का हुआ विमोचन

हरिद्वार: सम्मेलन में विश्व-भेषज संहिता की 51 खंड सहित कुल 59 महत्वपूर्ण ग्रंथों का विमोचन किया गया। मौखिक पोस्टर प्रस्तुतिकरण में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले वैज्ञानिकों और शोधकर्त्ताओं को विशेष सम्मान से अलंकृत किया गया।

रंगारंग प्रस्तुतियां दी

हरिद्वार: पतंजलि विवि, पतंजलि आयुर्वेद कालेज, वैदिक गुरुकुलम और पतंजलि अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। समूह नृत्य, गायन और योग की प्रस्तुति भी हुई।

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