अद्भुत और अलौकिक Kanwar Mela, हरिद्वार में बढ़ने लगी भीड़; अब तक 21 लाख से अधिक कांवड़ियों ने भरा जल
Kanwar Yatra 2023 श्रावण मास के पहले दो दिन धर्मनगरी हरिद्वार खासकर हरकी पैड़ी क्षेत्र का नजारा अलग ही नजर आ रहा है मानों भोर की प्रतीक्षा में जाग रही है और दिन सिंदूरी आभा बिखेर रहा हो। पुलिस के अनुसार अब तक करीब 21 लाख से अधिक कांवड़ यात्री जल लेकर हरिद्वार से अपने गंतव्य की ओर रवाना हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : Kanwar Yatra 2023: अद्भुत और अलौकिक। चहुं दिशाएं एकसार और भोले भंडारी की जय जयकार। श्रावण मास के पहले दो दिन धर्मनगरी हरिद्वार खासकर हरकी पैड़ी क्षेत्र का नजारा अलग ही नजर आ रहा है, मानों भोर की प्रतीक्षा में जाग रही है और दिन सिंदूरी आभा बिखेर रहा हो। शुक्रवार को भी हरकी पैड़ी पर कांवड़ यात्रियों की भीड़ जल भरने पहुंची।
इससे पहले गुरुवार को गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार आने और हरकी पैड़ी से गंतव्य को रवाना होने वाल शिवभक्तों का हरकी पैड़ी पर डीएम-एसएसपी और अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था ने हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। स्वागत से अभिभूत कांवड़ यात्रियों की हर-हर महादेव, बम-बम भोले की गूंज से हरकी पैड़ी गुंजायमान रही। सरकार की तैयारियों की प्रशंसा की।
गुरुवार को धर्मनगरी कांवड़ मेले के रंग में रंगी रही, जो सांझी संस्कृति के संगम संग लघु भारत की तस्वीर हरिद्वार में पेश कर रही थी। श्रावण मास के पहले दिन कांवड़ मेला यात्रा शुरू होते ही धर्मनगरी केसरिया रंग में तब्दील होने लगी थी। पुलिस के अनुसार अब तक करीब 21 लाख से अधिक कांवड़ यात्री जल लेकर हरिद्वार से अपने गंतव्य की ओर रवाना हो चुके हैं।
धर्मनगरी में कांवड़ यात्रियों का आना यूं तो एक सप्ताह पूर्व से आरंभ हो गया था पर, जल लेकर वापसी का क्रम बुधवार श्रावण मास के पहले दिन से गति पकड़ने लगा, जिसके चलते माहौल पूरे शबाब पर आना शुरू हो गया है। 15 जुलाई तक धर्मनगरी कांवड़ मेले के रंग में ही रंगी रहेगी। कदम-कदम पर धर्म-अध्यात्म की गंगा बह रही है, इसमें लाखों शिवभक्त गोते लगाते दिखाई दे रहे हैं। आस्था के इस रंग में हर कोई रंगने को लालायित है। विभिन्न प्रांतों से आए कांवड़ यात्रियों ने डेरा डाल दिया है।
आस्था और आध्यात्म से भाव-विभोर हर कोई शिवभक्तों को देखकर रुककर निहार रहा है, तो कोई हाथ जोड़कर प्रणाम कर रहा है। हरकी पैड़ी, मुख्य कांवड़ मेला बाजार पंतद्वीप, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कांवड़ यात्रियों की चौपालें सजी हैं।
चाय की दुकान, गंगा तट, मठ-मंदिर और पार्क इत्यादि जगहों पर कांवड़ यात्री ही नजर आ रहे हैं। कहीं शिव की महिमा का गुणगान हो रहा तो कहीं धार्मिक गीतों की स्वर लहरियां गूंज रही हैं। अधिकांश आश्रम और धर्मशालाएं इन्हीं से गुलजार हैं। एक छोर से दूसरे तक शिवभक्त कांवड़ यात्री डग भी भर रहे और फुर्सत के क्षणों में विभिन्न जगहों पर सामूहिक रूप से डेरा भी डाल रहे हैं।
बाजार में छाई रौनक, सज गया कांवड़ बाजार
वर्षा ऋतु के आरंभ के साथ ही चारधाम यात्रा के शिथिल पड़ जाने के बाद करीब एक माह तक बाजारों की गायब रौनक कांवड़ मेला यात्रा के आरंभ होने के साथ ही लौट आई। खासकर हरकी पैड़ी क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों के बाजारों में सुबह से लेकर देर रात तक रौनक छाई हुई है। हर जगह अलग-अलग टोलियों में शिवभक्त कांवड़ यात्री छूमते-फिरते और सामान खरीदते नजर आ रहे हैं।
इसके साथ ही कांवड़ बाजार भी सज गया है। कांवड़ बाजार यूं तो चमगादड़ टापू, पतंद्वीप पार्किंग पर सजता है पर, अबकी कांवड़ यात्रियों की भारी भीड़ की संभावनाओं के मद्देनजर कांवड़ बाजार के इतर भी यह अन्य जगहों पर सजा हुआ है। परंपरा और मान्यता है कि शिव जलाभिषेक को गंगा जल लेने हरिद्वार आने वाला कांवड़ यात्री यहीं से अपनी कांवड़ खरीदता है। इसके यहां पर हर वर्ष कांवड़ बाजार सजता है।
गंगाजली और कलश की भारी मांग
कांवड़ यात्रा के आरंभ होने के साथ ही गंगाजली और कलश की मांग बढ़ गई है। पिछले कुछ वर्षों से कांवड़ मेला में आने वाले कांवड़ यात्रियों में स्टील, तांबे और पीतल के कलश में गंगाजल ले जाने की परंपरा जोर पकड़ती जा रही है। इसके मद्देनजर इन दिनों हरिद्वार के बाजारों में इनकी मांग बढ़ गई है। इसके साथ ही प्लास्टिक की गंगाजली की मांग भी बढ़ गई है।