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Kanwar Yatra 2024: भगवामय हुई धर्मनगरी हरिद्वार, चहुं ओर गूंजे बम-बम भोले के जयकारे; तस्‍वीरों में अद्भुत छटा

Kanwar Yatra 2024 चहुं ओर भगवा में घूम रहे भोलों के बम-बम भोले से मानों धर्मनगरी शिवमय हो गई है। 27 जुलाई को पंचक समाप्ति के बाद मेला अपने चरम पर पहुंचने लगेगा। पुलिस के अनुसार कांवड़ मेले में अब तक 12 लाख 40 हजार से अधिक कांवड़ तीर्थ यात्री गंगा जल लेकर अपने-अपने गंतव्यों को रवाना हो चुके हैं।

By Anoop kumar singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 25 Jul 2024 08:19 AM (IST)
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Kanwar Yatra 2024: कांवड़ को देखने के लिए स्थानीय निवासियों की भीड़

जागरण संवाददाता, हरिद्वार । Kanwar Yatra 2024: कांवड़ मेला यात्रा के तीसरे दिन धर्मनगरी भगवामय हो गई। चहुं ओर भगवा में घूम रहे भोलों के बम-बम भोले से मानों धर्मनगरी शिवमय हो गई। पंचक लगने के बाद भी कांवड़ तीर्थ यात्रियों के आने और जाने का क्रम दिन भर बना रहा।

हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाटों पर सिर्फ भगवा ही नजर आ रहा है। पुलिस के अनुसार कांवड़ मेले में अब तक 12 लाख 40 हजार से अधिक कांवड़ तीर्थ यात्री गंगा जल लेकर अपने-अपने गंतव्यों को रवाना हो चुके हैं।

पंचक समाप्ति के बाद चरम पर पहुंचेगा मेला

27 जुलाई को पंचक समाप्ति के बाद मेला अपने चरम पर पहुंचने लगेगा। अभी कांवड़ मेले के जोर पकड़ने में तीन दिन बाकी हैं। पर, हर बीतते समय के साथ हरिद्वार पहुंच रही कांवड़ यात्रियों की भीड़ उनके जोश, उमंग, उत्साह और आस्था की अलग कहानी कह रही है। हाईवे, कांवड़ पटरी के साथ-साथ शहर के अन्य मार्गों से कांवड़ यात्रियों की वापसी का क्रम अबाध गति से जारी है।

आकर्षक कांवड़ उठाए कांवड़ यात्री ही हर कहीं नजर आ रहे हैं। पैरों के साथ-साथ कांवड़ में भी घुंघरू बांधी हुई है। झालर-झंडी से सजाई कांवड़ सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। हरकी पैड़ी, मालवीय द्वीप, पंतद्वीप, मोती बाजार और अपर रोड आदि इलाकों में हर तरफ यही नजर आ रहे हैं।

आश्रम, अखाड़ों, धर्मशालाओं में भी इन्हीं की भीड़ उमड़ी पड़ी है। सुबह से शाम धर्मनगरी के मंदिरों में पूजा-अर्चना और देवदर्शन करने के बाद गंगा पूजन कर गंगाजल भर कांवड़ यात्री अपने-अपने गंतव्य को रवाना हो रहे हैं। हाईवे पर बड़ी-बड़ी कांवड़ लेकर जा रहे कांवड़ यात्रियों और कांवड़ को देखने के लिए स्थानीय निवासियों की भीड़ उमड़ रही है।

चढ़ा नहीं रंग पर सज गया डीजे का दरबार

पथरी।कांवड़ मेले का रंग अभी गाढ़ा भी नहीं हुआ, लेकिन रोक के बावजूद मेले में भारी-भरकम डीजे का दरबार अभी से सजने लगा है। देश के विभिन्न राज्यों से ट्रकों पर लगे हुए बडे-बडे डीजे धर्मनगरी हरिद्वार की शहरी सीमा क्षेत्र बहादराबाद टोल प्लाजा पर आकर अभी से जम गए हैं। बताया जा रहा है कि इस बार इनमें डीजे बजाने की प्रतियोगिता होगी।

दावा किया जा रहा है कि जब यह डीजे बजेंगे तो आसपास की धरती डोल उठेगी। इनमें मुजफ्फरनगर, मेरठ, शामली, झारखंड, झांसी, आगरा व हरियाणा तर्क से डीजे आए हैं। इनके साथ कांवड़ तीर्थ यात्रियों को 26 जुलाई को जल लेकर वापसी करनी है, इस दौरान सुबह से शाम तक इनके मध्य गीत-संगीत का मुकाबला होगा।

दावा किया जा रहा है कि हरिद्वार में पहली बार इस तरह के बड़े डीजे आए हैं। इसके साथ ही यह चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन्हें देखने वालों की भीड़ उमड़ रही है। लोग यूट्यूब पर भी कांवड डीजे को सर्च कर रहे हैं। इसे लेकर लोग काफी उत्साहित हैं।

शिव भक्तों के लिए दुकानों में धार्मिक पुस्तकें भी उपलब्ध

हरकी पैड़ी क्षेत्र, मोती बाजार, कनखल, शंकराश्रम चौक समेत अन्य जगहों पर धामिक सामग्री की दुकानों सजी हुई हैं। जहां आकर्षक शिव-पार्वती की मूर्ति से लेकर घुंघरू, गंगाजली, प्रसाद आदि उपलब्ध हैं। धार्मिक पुस्तकें भी दुकानों में शिव भक्तों के लिए उपलब्ध हैं। रुद्राक्ष समेत अन्य मालाएं, नग, भजन की भी बाजार में भरमार है। आडियो और वीडियो दोनों तरह की सीडी और पेन ड्राइव बाजार में उपलब्ध है और इनकी बिक्री हो रही है।

गंगाजली और कलश की भारी मांग

कांवड़ यात्रा के आरंभ होने के साथ ही गंगाजली, कलश व गागर की मांग बढ़ गई है। तांबे, स्टील, पीतल के कलश व गागर की मांग सबसे ज्यादा है। कांवड़ मेला में आने वाले कांवड़ यात्रियों में स्टील, तांबे और पीतल के कलश में गंगाजल ले जाने की परंपरा जोर पकड़ती जा रही है। इसके मद्देनजर इन दिनों हरिद्वार के बाजारों में इनकी मांग बढ़ गई है। इसके साथ ही प्लास्टिक की गंगाजली की मांग भी बढ़ गई है।

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