छात्रवृत्ति घोटाला: चार शिक्षण संस्थानों सहित सात और कॉलेजों पर मुकदमे दर्ज
छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के चार शिक्षण संस्थानों सहित सात और कॉलेजों पर मुकदमे दर्ज कराए हैं।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 21 Oct 2019 09:10 PM (IST)
हरिद्वार, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के चार शिक्षण संस्थानों सहित सात और कॉलेजों पर मुकदमे दर्ज कराए हैं। इन पर समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत से वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच 30 करोड़ से ज्यादा की रकम हड़पने का आरोप हैं।
देहरादून और हरिद्वार जनपद में समाज कल्याण विभाग से एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के नाम पर जारी होने वाली छात्रवृत्ति में सौ करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया है। मामले की जांच कर रही एसआइटी ने पड़ताल में पाया है कि उत्तर प्रदेश तक के निजी कॉलेजों ने विभाग से सांठ- गांठ कर सरकारी खजाने की लूट की। जांच में सरकारी धन गबन करने के पुख्ता सुबूत हाथ लगने पर सोमवार को उत्तर प्रदेश के चार और उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के तीन शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। एसआइटी प्रमुख और हरिद्वार के एसपी क्राइम मंजूनाथ टीसी के मुताबिक त्रिवेणी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन मेरठ बागपत, अभिनव सेवा संस्थान महाविद्यालय राजीवपुरम कानपुर उप्र, कृष्णा प्राइवेट आइटीआइ गांव कमालपुर छुटमलपुर मुजफ्फराबाद सहारनपुर और मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सहारनपुर के खिलाफ हरिद्वार के सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
वहीं, जगजीतपुर कनखल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी के खिलाफ कनखल थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। जबकि, सिंघानिया यूनिवर्सिटी पिलानी झुझनू राजस्थान और हेमलता इंस्टीट्यूट निकट क्रिस्टल वर्ल्ड बहादराबाद के खिलाफ थाना बहादराबाद में मुकदमा दर्ज कराया गया है। लक्सर के मुखिया कॉम्पलेक्स में कृष्णा इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी का संचालन करने वाली स्वामी विवेकानंद एजुकेशनल सोसायटी के खिलाफ कोतवाली लक्सर में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
बागपत के कॉलेज ने हड़पे एक करोड़
एसआइटी की जांच में सामने आया है कि वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच त्रिवेणी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन मेरठ बागपत को एक करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। जबकि, मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सहारनपुर को 6.69 करोड़, अभिनव सेवा संस्थाना महाविद्यालय राजीवपुरम कानपुर उप्र को 5.48 करोड़, कृष्णा प्राइवेट आइटीआइ विलेज कमालपुर छुटमलपुर मुजफ्फराबाद सहारनपुर को 5.42 करोड़, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी जगजीतपुर कनखल को 50 लाख और सिंघानिया यूनिवर्सिटी पिलानी झुझनू राजस्थान और बहादराबाद स्थित हेमलता इंस्टीट्यूट निकट क्रिस्टल वर्ल्ड को 50 लाख रुपये छात्रवृत्ति के नाम पर दिए गए हैं। जबकि लक्सर के कृष्णा इंस्टीटयूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी को करीब 47 लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। अभी तक की जांच में इन संस्थानों के माध्यम से छात्रवृत्ति लेने वाले अधिकांश छात्र फर्जी पाए गए हैं।
अब तक 16 किए जा चुके गिरफ्तारछात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी अभी तक हरिद्वार जिले के 14 संस्थानों के 16 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। करीब 125 संस्थान एसआइटी जांच की जद में है। जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। गिरफ्तार आरोपितों में मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन का भाई और रुड़की के पूर्व विधायक सुरेश चंद्र जैन का बेटा भी शामिल है।यह भी पढ़ें: करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़पने वालों से ईडी करेगा वसूली, पढ़िए पूरी खबर
एसआइटी ने समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक रहे अनुराग शंखधर के अलावा हरिद्वार के भगवानपुर ब्लॉक के सहायक समाज कल्याण अधिकारी सोम प्रकाश व दो रिटायर्ड अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि, विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। एसआइटी दो उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई कर सकती है।यह भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाला: गीताराम नौटियाल की कुर्की के लिए एसआइटी ने कराई मुनादी
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