Makar Sankranti 2021: ट्रेन से हरिद्वार पहुंचे सिर्फ 6500 श्रद्धालु, रेलवे की व्यवस्थाए रहीं चाक-चौबंद
Makar Sankranti 2021 कुंभ वर्ष के पहले पर्व स्नान पर ट्रेनों से अपेक्षित यात्री नहीं पहुंचे। शाम छह बजे तक 6500 यात्री 21 जोड़ी ट्रेनों से हरिद्वार पहुंचे। वहीं इसके अलावा 2300 यात्रियों ने वापसी भी की है।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Makar Sankranti 2021 कुंभ वर्ष के पहले पर्व स्नान पर ट्रेनों से अपेक्षित यात्री नहीं पहुंचे। शाम तक 6500 यात्री ही 21 जोड़ी ट्रेनों से धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे। वहीं, 2300 यात्रियों ने वापसी भी की। हालांकि, भीड़ बढ़ने पर रेलवे प्रशासन की ओर से तीन अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की गई थी, लेकिन अतिरिक्त संचालन की जरूरत नहीं पड़ी। मुरादाबाद रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा, एडीआरएम एनएनसिंह समेत मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। आगामी पर्व और शाही स्नान की तैयारियों की रूपरेखा बनाई।
कुंभ मेले को निर्विघ्न संपन्न कराने को रेलवे प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारी की गई थी। कोरोना काल में रद जनता, हावड़ा, कुंभ, उपासना, योगा, ओखा समेत 21 जोड़ी ट्रेनों का पुनर्संचालन किया गया। एक ट्रेन की क्षमता दो हजार यात्रियों की है। इस हिसाब से रेलवे की ओर से 42 हजार श्रद्धालुओं को लाने की व्यवस्था गई थी लेकिन शाम छह बजे इन ट्रेनों से केवल 6500 यात्री पहुंचे। वहीं, 2300 यात्रियों ने वापसी की।
हालांकि, रेलवे प्रशासन की ओर से तीन अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की गई थी। पर रूटीन ट्रेनों में ही अपेक्षित श्रद्धालु न आने के चलते अतिरिक्त संचालन की जरूरत नहीं पड़ी। रेलवे के उच्चाधिकारियों ने रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। आगामी पर्व और शाही स्नान की तैयारियों की रूपरेखा बनाई। अधीनस्थों को अहम निर्देश दिए।
चाक चौबंद रही रेलवे की व्यवस्था
मकर संक्रांति पर्व स्नान को लेकर रेलवे की व्यवस्था चाक चौबंद रही। सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। कोविड गाइड लाइन का कड़ाई से पालन कराया गया। थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही यात्रियों के रैंडम एंटीजन जांच भी कराई गई। स्टेशन पर अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए स्टेशन के प्रवेश द्वारों पर पुलिस का पहरा रहा। पूछताछ के बाद ही यात्रियों को स्टेशन परिसर में आने दिया गया।
मुरादाबाद के एडीआरएम एनएन सिंह ने बताया कि 2010 कुंभ के पर्व स्नानों पर औसतन 50 से 60 हजार, जबकि शाही स्नानों पर 1.10 लाख यात्री पहुंचे थे। इसे ध्यान में रख रेलवे ने मकर संक्राति स्नान पर 21 जोड़ी ट्रेनों से करीब 42 हजार श्रद्धालुओं के लाने की व्यवस्था की थी। पूरी तरह से आरक्षित ट्रेनों से केवल 6500 यात्री पहुंचे। 2300 यात्रियों ने वापसी की। अतिरिक्त ट्रेनों के संचालन की जरूरत नहीं पड़ी।
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