सानंद के अंतिम दर्शन को एम्स नहीं जाएगा मातृसदन, जानिए वजह
मातृसदन ने एम्स जाकर स्वामी सानंद के दर्शन करने से मना कर दिया है। स्वामी शिवानंद ने इसके पीछे वजह सानंद के अंतिम दर्शन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित संख्या को बताया है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 05 Nov 2018 08:54 AM (IST)
हरिद्वार, [जेएनएन]: गंगा रक्षा के लिए प्राणों का बलिदान करने वाले पूर्व प्रोफेसर स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के अंतिम दर्शन के लिए मातृसदन एम्स ऋषिकेश नहीं जाएगा। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने इसके पीछे प्रमुख कारण सानंद के अंतिम दर्शन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित संख्या को बताया है। उन्होंने कहा कि यदि वे दर्शन को जाएंगे तो उनके साथ सैंकड़ों की संख्या में अनुयायी भी पहुंचेंगे।
स्वामी सानंद ने मरने से पहले एम्स ऋषिकेश को देह दान कर दी थी। सानंद के देह त्यागने पर एम्स ने उनकी देह को रख लिया। जिस पर मातृसदन ने हाईकोर्ट से तीन दिन के लिए उनकी देह को आश्रम में दर्शानार्थ रखने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। तीन दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त एम्स में ही सानंद के अंतिम दर्शन की व्यवस्था करने के आदेश दिए थे। जिस पर रविवार को मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने पत्रकारों से बातचीत में सानंद के दर्शन से इंकार कर दिया है।
उनका कहना था क्योंकि एक दिन में केवल 50 लोग दर्शन कर सकते हैं, जबकि यदि वे सानंद के दर्शन को जाते हैं तो बड़ी संख्या में अनुयायी भी वहां पहुंच जाएंगे। कहा कि, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिखा है, जिसमें एम्स चिकित्सकों की ओर से दी गई गलत सूचना की जांच कराने की मांग की गई है।
मेडिकल जांच से इन्कार, चेकअप को पैनल बनाने की मांग
सानंद की मांगों को पूरा करने के लिए मातृसदन आश्रम में तप कर रहे आत्मबोधानंद ने मेडिकल चेकअप कराने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि उनकी जांच डॉक्टरों के एक पैनल से कराई जाए, जिसमें एक चिकित्सक मातृसदन के अनुरोध पर नियुक्त किया जाए। आश्रम के ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद 24 अक्तूबर से तप कर रहे हैं। इस दौरान वह केवल जल के साथ नींबू, शहद और नमक ले रहे हैं। इसके अलावा पुण्यानंद भी उसी दिन से तप कर रहे हैं, वह केवल फल ले रहे हैं।
गोपालदास को कराया एम्स में भर्ती
प्रशासन संत गोपालदास को शनिवार को आधी रात में भर्ती कराने के लिए ऋषिकुल आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज ले गया, लेकिन कॉलेज प्रशासन के एडमिट करने से इन्कार करने पर उन्होंने दोबारा से एम्स में भर्ती कराया। संत गोपालदास को चंडीगढ़ पीजीआइ से डिस्चार्ज करने के बाद ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया था, लेकिन 31 अक्तूबर को उन्हें एम्स से भी डिस्चार्ज कर दिया। जिस पर संत गोपालदास ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर अनशन शुरू कर दिया था, लेकिन दो नवंबर को जिला प्रशासन ने उन्हें जौलीग्रांट में भर्ती कराया गया। तीन नवंबर को आधी रात में उन्हें हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज ले जाया गया, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने उन्हें एडमिट करने इन्कार कर दिया। यह भी पढ़ें: स्वामी गोपालदास को एम्स से छुट्टी, शिवानंद ने गडकरी के खिलाफ दी तहरीर
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