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छात्रवृत्ति घोटाला: गिरफ्तारी से बचने के लिए नौटियाल ने झोंक दी थी पूरी ताकत

छात्रवृत्ति की कुल कितनी रकम की बंदरबांट हुई है अधिकारी अभी इस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं लेकिन यह साफ है कि गीताराम नौटियाल ने खुद को बचाने के लिए ही भरपूर प्रयास किए।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 01 Nov 2019 04:42 PM (IST)
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छात्रवृत्ति घोटाला: गिरफ्तारी से बचने के लिए नौटियाल ने झोंक दी थी पूरी ताकत
हरिद्वार, मेहताब आलम। देहरादून और हरिद्वार जिले में छात्रवृत्ति की कुल कितनी रकम की बंदरबांट हुई है, अधिकारी अभी इस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन यह साफ है कि गीताराम नौटियाल ने खुद को बचाने के लिए ही भरपूर प्रयास किए। जेल जाने से बचने के लिए नौटियाल ने एससी, एसटी आयोग, नैनीताल हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में गुहार लगाई, लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत से राहत नहीं मिलने पर नौटियाल को आखिरकार सरेंडर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 

समाज कल्याण विभाग में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने छह माह में कई रसूखदारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इनमें कई विधायक और मंत्रियों के रिश्तेदार भी शामिल रहे। मगर गीताराम नौटियाल ने एसआइटी को जितना छकाया, उतनी मशक्कत किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी में नहीं करनी पड़ी। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच शुरू होने के बाद से नौटियाल लगातार एसआइटी से बचने की जुगत में लगे रहे। सबसे पहले तो नौटियाल ने हाईकोर्ट से इतर एससी, एसटी आयोग जाकर एसआइटी से बचाने की गुहार लगाई। 

नतीजतन एसआइटी को आयोग के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखना पड़ा। क्योंकि पूरी जांच नैनीताल हाईकोर्ट की निगरानी में चल रही है, इसलिए हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी भी जताई। एंटी करप्शन कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद नौटियाल ने दोबारा हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। नौटियाल जितना एसआइटी को गोल-गोल घुमाते रहे, एसआइटी भी उतनी ही तेज गति से नौटियाल का पीछा करती रही। गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) के बावजूद गीताराम के हाथ नहीं आने पर एसआइटी ने कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी। एसआइटी का चौतरफा शिकंजा कसने के बावजूद गीताराम ने आत्मसमर्पण नहीं किया और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट के चार और नैनीताल हाईकोर्ट के तीन नामी अधिवक्ताओं ने उनका पक्ष रखा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें झटका दिया। 

एसआइटी को मिली बड़ी राहत 

एसआइटी के लिए गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी बड़ी चुनौती बनी हुई थी। पहले गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद एसआइटी पूरी ताकत झोंककर भी नौटियाल को गिरफ्तार नहीं कर पाई। इससे यह भी पता चलता है कि नौटियाल को सरंक्षण देने वालों की भी कमी नहीं है। यह अलग बात है कि सफेदपोश और दिग्गजों से करीबी रिश्ते भी गीताराम के सिर से गिरफ्तारी की तलवार नहीं हटा पाए। बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से नौटियाल की याचिका खारिज होने के बाद एसआइटी आश्वस्त हो गई थी कि अब गीताराम के लिए सारे रास्ते बंद हो चुके हैं और एक सप्ताह के भीतर सरेंडर जरूर करना पड़ेगा। 

गिरफ्त में आते ही उगले कई अफसरों के नाम 

छात्रवृत्ति घोटाले में गिरफ्तार हुए संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने पूछताछ में विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारियों के नाम उगले हैं। इनमें कुछ अधिकारी रिटायर्ड भी हो चुके हैं। एसआइटी अब उनकी भूमिका का सत्यापन करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि बहुत जल्द विभाग के कुछ और अधिकारी व कर्मचारियों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। 

अनुराग शंखधर की तरह ही गीताराम नौटियाल भी हरिद्वार और देहरादून जिले में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी रह चुके हैं। एसआइटी की जांच में सामने आया है कि अनुराग शंखधर और गीताराम नौटियाल की तैनाती के दौरान ही छात्रवृत्ति के नाम पर बड़ा खेल हुआ है। इसलिए अनुराग शंखधर की गिरफ्तारी के बाद से गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी भी तय मानी जा रही थी। 

इस घोटाले में एडीओ समाज कल्याण स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि गुरुवार को एसआइटी ने पूछताछ के दौरान गीताराम नौटियाल से विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारियों के बारे में पूछताछ की। गीताराम ने कुछ ऐसे लोगों के नाम भी एसआइटी को बताए हैं जो कॉलेजों और अधिकारियों के बीच सांठगांठ कराते थे। घोटाले में उन्हें भी मोटा कमीशन मिला है। नौटियाल ने जो नाम बताए हैं, एसआइटी अब उनकी कुंडली खंगालने में जुट जाएगी। 

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कई कॉलेज संचालक रहे हैं करीब 

गीताराम नौटियाल ने अपने कार्यकाल में कुछ निजी कॉलेज संचालकों पर जमकर सरकारी खजाना लुटवाया। हरिद्वार और देहरादून के करीब छह-सात कॉलेजों के संचालक गीताराम नौटियाल के बेहद करीबी रहे हैं। आम दिनों के अलावा त्यौहार आदि के मौकों पर कॉलेज संचालक नौटियाल को महंगे गिफ्ट भी दिया करते थे। कुछ कॉलेज संचालकों के नौटियाल को विदेश की सैर कराने की बात भी सामने आ रही है। इनमें कुछ कॉलेज संचालक छात्रवृत्ति घोटाले में जेल जा चुके हैं, जबकि कुछ की पड़ताल चल रही है। 

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पांच अफसरों सहित 18 हो चुके गिरफ्तार 

एसआइटी इस घोटाले में अभी तक 18 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें 12 शैक्षिक संस्थानों से जुड़े 13 लोगों के अलावा दो रिटायर्ड सहित पांच अधिकारी शामिल हैं। मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के भाई, रुड़की के पूर्व विधायक सुरेश चंद्र जैन के दत्तक पुत्र सहित कई रसूखदार छात्रवृत्ति घोटाले में जेल जा चुके हैं। विभाग के सयुंक्त निदेशक रहे अनुराग शंखधर के अलावा भगवानपुर के सहायक समाज कल्याण अधिकारी सोमप्रकाश, रिटायर्ड एबीओ मुनेश त्यागी व विनोद नैथानी को भी एसआइटी गिरफ्तार कर चुकी है। 

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