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परंपरा का किया निर्वहन, आभूषणों की बिक्री में कमी

अक्षय तृतीया पर इस साल शिक्षानगरी में सर्राफा बाजार की रौनक फीकी रही। सर्राफा कारोबारियों के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया पर कारोबार 40-60 प्रतिशत कम रहा। अधिकांश ग्राहकों ने परंपरा का निर्वहन करने के लिए ही खरीदारी की। वहीं ईद के कारण मंगलवार को बाजार तो बंद रहा। लेकिन अक्षय तृतीया के कारण सर्राफा की दुकानें खुली रही।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 03 May 2022 07:04 PM (IST)
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परंपरा का किया निर्वहन, आभूषणों की बिक्री में कमी

जागरण संवाददाता, रुड़की : अक्षय तृतीया पर इस साल शिक्षानगरी में सर्राफा बाजार की रौनक फीकी रही। सर्राफा कारोबारियों के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया पर कारोबार 40-60 प्रतिशत कम रहा। अधिकांश ग्राहकों ने परंपरा का निर्वहन करने के लिए ही खरीदारी की। वहीं ईद के कारण मंगलवार को बाजार तो बंद रहा। लेकिन, अक्षय तृतीया के कारण सर्राफा की दुकानें खुली रही।

अक्षय तृतीया के दिन सोने-चांदी की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएं अधिक समय तक चलती हैं और सुख-समृद्धि आती है। ऐसे में अक्षय तृतीया पर्व को लेकर मंगलवार को शहर के सर्राफा कारोबार में उछाल आने की संभावना थी। लेकिन, रूस-यूक्रेन के युद्ध के कारण सोने के भाव में तेजी आने, कोरोना के कारण लगे लाकडाउन और बढ़ती महंगाई का प्रतिकूल असर अक्षय तृतीया पर होने वाले सर्राफा कारोबार में देखने को मिला। देवभूमि सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद सोनी के अनुसार कोरोना काल से पहले तक अक्षय तृतीया के दिन ग्राहकों की भीड़ रहती थी। अधिकांश लोग अपनी क्षमतानुसार सोने-चांदी के गहने, सिक्के आदि खरीदते थे। लेकिन, इस साल दिनभर में गिनती के ही ग्राहक पहुंचे हैं। वहीं जो ग्राहक आ रहे हैं वे भी शगुन के लिए ही खरीदारी कर रहे हैं। उनके अनुसार इस साल अक्षय तृतीया पर कारोबार में 60 प्रतिशत से अधिक गिरावट है। मेन बाजार के सर्राफा कारोबारी दिनेश सहदेव के अनुसार सर्राफा कारोबारी अक्षय तृतीया को धनतेरस का छोटा रूप मानते हैं। इसलिए उम्मीद थी कि अक्षय तृतीया पर अच्छा कारोबार होगा। लेकिन, सोने के भाव में तेजी, कोरोना, महंगाई आदि कारणों से ग्राहकों की क्रय शक्ति कम हुई है। जिसका असर अक्षय तृतीया पर देखने को मिला। उनके अनुसार इस साल अक्षय तृतीया पर लगभग 40 प्रतिशत कारोबार कम रहा।

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अधिकांश ग्राहकों ने खरीदे हल्के गहन अक्षय तृतीया पर 24 कैरेट सोने का भाव 52 हजार 500 रुपये प्रति दस ग्राम के लगभग रहा। रुड़की सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय चौहान ने बताया कि सोने के भाव में तेजी आने सहित कई कारणों से इस साल अक्षय तृतीया पर कारोबार में उम्मीद के अनुसार उछाल देखने को नहीं मिला। उन्होंने बताया कि ग्राहकों ने हल्के गहने खरीदे। अधिकांश ने टाप्स, चेन, अंगूठी, चांदी के सिक्के की खरीदारी शगुन के तौर पर की। वहीं जिनके घरों में मई व जून में शादियां होनी हैं उन्होंने अक्षय तृतीया के खास मौके पर आभूषणों की खरीदारी की।

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भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना

अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की गई। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं। वहीं इस दिन सोने-चांदी व अन्य वस्तुओं की खरीदारी करने से वे लंबे समय तक चलती हैं। घर में सुख-समृद्धि आती है।

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