आयुर्वेद से कोरोना के इलाज का दावा अप्रमाणित, सरकार-चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों ने भी नहीं की पुष्टि
पतंजलि योगपीठ की ओर से किया गया कोरोना के इलाज का दावा सही नहीं। सीरप इंस्टीट्यूट के अनुसार अभी तक किसी भी पद्धति में कोरोना के इलाज के लिए कोई दवा नहीं बनी है। दुनियाभर में अभी तक वैक्सीन ही खोजी जा सकी हैं।
By Sunil Singh NegiEdited By: Updated: Sun, 05 Apr 2020 01:46 AM (IST)
हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ की ओर से 4 अप्रैल को कोरोना की दवाई बनाने का अप्रमाणित दावा किया गया था। यह दावा अवैज्ञानिक और अनैतिक था।
हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण और पंतजलि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख डॉ. अनुराग वार्ष्णेय ने 4 अप्रैल 2020 को दावा कर दिया था कि अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी और स्वासारि रस का निश्चित अनुपात में सेवन करने से कोरोना संक्रमित व्यक्ति को पूरी तरह स्वस्थ किया जा सकता है। इतना ही नहीं, यह अतार्किक दावा भी किया गया था कि इन दवाओं का बतौर वैक्सीन भी इस्तेमाल किया जा सकता है।डिस्क्लेमर : कोविड-19 के इलाज को लेकर पंतजलि योगपीठ से जुड़ी अन्य खबरें पहले ही हटाई/अपडेट की जा चुकी हैं। यह ख़बर चूकवश रह गई थी। ध्यानकर्षित कराए जाते ही तत्काल इसे अपडेट किया जा रहा है। कृपया कोविड के इलाज के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल का पालन करें।
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