PM ने 'मन की बात' में की रुड़की निर्मित ड्रोन की तारीफ, MP में घड़ियालों व जानवरों पर रखती है नजर; इन खूबियों से है लैस
Mann Ki Baat प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मन की बात कार्यक्रम के 110 संस्करण में रुड़की में बनने वाले ड्रोन का जिक्र किया है। इसको लेकर ड्राेन बनाने वाली कंपनी रोटर प्रिसिजन समूह में उत्साह है। यह कंपनी मेक इन इंडिया के सपने को साकार करते हुए देश में निर्मित ड्रोन का विदेशों तक निर्यात कर रही है।
संवाद सहयोगी, रुड़की। Mann Ki Baat: राष्ट्रीय फलक पर रुड़की का नाम एक बार फिर चर्चाओं में है। रुड़की में बनने वाले ड्रोन का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 110 संस्करण में किया है। इसको लेकर ड्राेन बनाने वाली कंपनी रोटर प्रिसिजन समूह में उत्साह है। यह कंपनी मेक इन इंडिया के सपने को साकार करते हुए देश में निर्मित ड्रोन का विदेशों तक निर्यात कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 110 संस्करण में रुड़की की ड्रोन निर्माता कंपनी रोटर प्रिसिजन समूह की सराहना करते हुए कहा मेक इन इंडिया की पहल को आगे बढाते हुए कंपनी ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से स्वदेश निर्मित एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है, जिसके माध्यम से मध्य प्रदेश की केन नदी के घड़ियालों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। ड्रोन घड़ियालों के संरक्षण में काफी मददगार साबित हो रहे हैं।
ड्रोन से जंगलों पर भी रखी जा रही नजर
ड्रोन के माध्यम से उनकी घूमने-फिरने की सीमा रेखा व स्वास्थ्य समेत उनकी लिंग पहचान की जा रही है। इसके अलावा ड्रोन के माध्यम से जंगलों पर भी नजर रखी जा रही। इसकी मदद से वनों को कटने व आग की चपेट में आने से बचाने समेत, वन्य जीवों की भी रक्षा की जा रही है।रुड़की स्थित रोटर प्रिसिजन समूह के प्रबंध निदेशक साजिद मुख्तार ने बताया कि ट्रेनिटी एफ 90 प्लस ड्रोन की एअर डक्स व बैटरी हीटेड तकनीकी इसे पर्यावरण अनुकूल बनाती है। बताया कि वन्यजीवन संरक्षण के लिए ड्रोन मील का पत्थर साबित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के गुलदार की गतिविधियों को पहचानने व उनकी स्वास्थ्य जांच करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। इसके कई सफल परीक्षण भी किए जा चुके हैं।
कई उन्नत तकनीकियों से लेस है ड्रोन
रोटर प्रिसिजन समूह के निदेशक साद ने बताया कि ट्रेनिटी एफ 90 प्लस ड्रोन 120 मीटर अधिकतम उंचाई के साथ करीब 90 मिनट तक हवा में उड़ सकता है। जबकि सामान्य ड्रोन केवल 40 से 45 मिनट ही उड़ सकते हैं। इसके अलावा इसमें कई तरह के उन्नत कैमरा लेंसों का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी मदद से पानी के अंदर व घने जंगलों में मौजूद जीवों को स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है।
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