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पुलिस के हत्थे चढ़ा ट्रांसफार्मर चोर गिरोह, 34 वारदातों का पर्दाफाश; ऐसे देते थे घटना को अंजाम

हरिद्वार जिले में हुए ट्रांसफार्मर चोरी मामले में पुलिस ने एक कबाड़ी समेत रुड़की और देहरादून के पांच शातिरों को गिरफ्तार किया है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 22 Jul 2019 07:18 PM (IST)
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पुलिस के हत्थे चढ़ा ट्रांसफार्मर चोर गिरोह, 34 वारदातों का पर्दाफाश; ऐसे देते थे घटना को अंजाम
हरिद्वार, जेएनएन। जनपद के देहात क्षेत्र में तीन साल के भीतर 89 ट्रांसफार्मर चोरी करने वाले गिरोह को आखिरकार भगवानपुर थाने की पुलिस ने धर दबोचा। सहारनपुर के एक कबाड़ी समेत रुड़की और देहरादून के पांच शातिरों को गिरफ्तार करते हुए करीब सात क्विंटल एल्यूमीनियम और अन्य सामान बरामद किया गया है। एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूड़ी ने सीसीआर में पत्रकार वार्ता कर कुल 34 घटनाओं का पर्दाफाश किया।

जिले के देहात क्षेत्र में ट्रांसफार्मर चोर गिरोह पिछले तीन साल से ग्रामीणों, ऊर्जा निगम और पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। एसएसपी और एसपी देहात नवनीत भुल्लर के निर्देश पर सीओ मंगलौर डीएस रावत ने भगवानपुर थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन किया था। पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर रुहालकी में चेकिंग के दौरान एक लोडर पकड़ लिया। तलाशी लेने पर उसमें ट्रांसफार्मरों के बाइडिंग, एल्यूमीनियम बंडल, वायर और कॉयल के बंडल देख पुलिस के होश उड़ गए। 

लोडर सवार आरोपितों को भगवानपुर थाने लाकर पूछताछ करने पर उन्होंने ट्रांसफार्मर चोरी की घटनाएं कुबूल करते हुए अपने नाम बिलाल राव पुत्र सलीम राव निवासी बाल विद्या मंदिर वाली गली छुटमलपुर जिला सहारनपुर, दीपक सैनी पुत्र चौहल सिंह निवासी कारगी, बंजारावाला देहरादून, सुलेख चंद पुत्र हरि सिंह निवासी बेलड़ी साल्हापुर, रुड़की, रहमान गौड़ उर्फ पप्पू पुत्र नाजिम निवासी शाहपुर, सलेमपुर रुड़की बताए। उनकी निशानदेही पर भगवानपुर पुलिस और सीआइयू रुड़की की टीम ने किशनपुर में कबाड़ी अख्तर हसन पुत्र मजहर हसन निवासी मरकज वाली गली, मंडी थाना सहारनपुर के गोदाम पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर चोरी का और माल बरामद किया। 

एसएसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना कारगी देहरादून निवासी दीपक सैनी है। गिरोह से कुल सात क्विंटल सामान बरामद हुआ है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने इस माल की कीमत करीब 54 लाख रुपये आंकी है। उनके एक साथी सादिक पुत्र इरफान निवासी ग्राम लाठरदेवा शेख, झबरेड़ा हरिद्वार की तलाश की जा रही है। यह थाना झबरेड़ा थाने से पांच हजार का इनामी है। इस दौरान एसपी देहात नवनीत भुल्लर, एसओ भगवानपुर संजीव थपलियाल और उनकी पूरी टीम मौजूद रही।

गिरोह ऐसे चोरी करता था ट्रांसफार्मर

भगवानपुर थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल ने बताया कि गिरोह रात के समय खेतों और जंगलों में लगे ट्रांसफार्मर चोरी करने निकलता था। सबसे पहले रस्सी में पत्थर बांधकर बिजली की लाइन पर फेंका जाता था। रस्सी उलझने पर उसे खींचते हुए बिजली के तारों को आपस में मिलाने से फाल्ट होता था। जिससे लाइन ट्रिप हो जाती थी। इसके बाद मिलकर ट्रांसफार्मर को नीचे उतारते हुए उसमें से एल्यूमीनियम, पीतल, तांबे का सामान और तेल चोरी कर लिया जाता था। सुबह होने पर जब ग्रामीण और ऊर्जा निगम की टीम पहुंचती तो उन्हें ट्रांसफार्मर का खाली खोखा पड़ा मिलता। 

सहारनपुर में बनाई जा रही थी सिल्ली

गिरोह ने ट्रांसफार्मर से चोरी एल्यूमीनियम की पहचान बदलकर बेचने के लिए भी नायाब तरीका निकाला। एसपी देहात नवनीत भुल्लर ने बताया कि एल्यूमीनियम को सहारनपुर ले जाकर मशीन से दबाकर सिल्ली बनाई जाती थी। जिससे काफी वजन होने के बावजूद एल्यूमीनियन एक शेप में ढल जाता था। देखने पर यह लगता था कि किसी फैक्ट्री में एल्यूमीनियम का निर्माण किया गया है। इससे एल्यूमीनियम को छिपाना और बेचना आसान हो जाता था।

अवर अभियंताओं पर लटक रही थी तलवार

ट्रांसफार्मर चोरी की लगातार घटनाएं होने से ऊर्जा निगम के अधिकारी ग्रामीणों के निशाने पर आ गए थे। चोरी हुए ट्रांसफार्मरों की कीमत अवर अभियंताओं की तनख्वाह से काटने को लेकर पिछले दिनों ग्रामीणों ने धरना भी दिया था। नोटिस जारी होने पर ऊर्जा निगम के अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार भी लटक रही थी। खुलासे के दौरान मौजूद रहे भगवानपुर एसडीओ सजल हटवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति सुचारू रखना मुश्किल हो रहा था।

तीन साल से एक भी गिरफ्तारी नहीं

पुलिस और ऊर्जा निगम के आंकड़ों के अनुसार जनपद में इस गिरोह ने वर्ष 2017-18 में 28, वर्ष 2018-19 में 46 और मौजूदा वित्तीय वर्ष 2019-20 में 15 घटनाओं को अंजाम दिया था। इन 89 घटनाओं के संबंध में भगवानपुर थाने में 12, झबरेड़ा में चार, कलियर एक, मंगलौर तीन, गंगनहर कोतवाली रुड़की में 12, सिविल लाइंस कोतवाली एक और सहारनपुर के गागलहेड़ी थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। गिरोह इतनी सफाई से अपना काम कर रहा था कि तीन साल में 34 मुकदमे दर्ज होने के बावजूद एक बार भी गिरफ्तारी नहीं हुई। यह भी माना जा सकता है कि पुलिस ने अब से पहले इन मुकदमों पर गंभीरता से काम नहीं किया।

पीएचक्यू को भेजेंगे इनाम की संस्तुति

एसएसपी ने पुलिस टीम को शाबाशी देते हुए ढाई हजार इनाम की घोषणा की है। टीम में भगवानपुर थाना प्रभारी संजीव थपलियाल, तेजुपुर चौकी प्रभारी संजीव ममगांई, कांस्टेबल सचिन और राजेश देवरानी, उपनिरीक्षक प्रदीप रावत, एलपी बिजल्वाण, अशोक कश्यप, राजकुमार, कांस्टेबल करण, संदीप, सुधीर, रणवीर, डोडी सिंह, दिनेश, दीपक नेगी और सीआइयू से हेडकांस्टेबल देवेंद्र भारती, कांस्टेबल जाकिर हुसैन, महिपाल के साथ अशोक शामिल रहे।

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