कुख्यात अपराधी प्रवीण वाल्मीकि का गुर्गा जेल से फरार, पुलिस तलाश में जुटी
रुड़की की रोशनाबाद जेल से कुख्यात अपराधी प्रवीण वाल्मीकि का गुर्गा पंकज फरार हो गया है। पुलिस उसके घर पहुंची लेकिन वहां ताला लटका मिला। पुलिस को उसके स्वजनों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पंकज ने एक सफाई कर्मचारी की हत्या की थी कोर्ट में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
जागरण संवाददाता, रुड़की। रोशनाबाद जेल से फरार कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि के गुर्गे पंकज के घर पुलिस पहुंची तो वहां पर ताला लटका मिला। उसके स्वजन कहां हैं, इसके बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं है। 25 जनवरी 2016 को रामनगर रुड़की में हनुमान मंदिर के पास बदमाशों ने ऋषिनगर, नई बस्ती निवासी सफाई नायक बसंत की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह हत्या कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि के इशारे पर की गई थी।
इस मामले में बंसत के बेटे कपिल की तहरीर पर पुलिस ने प्रवीण वाल्मीकि और उसके गुर्गे पंकज निवासी समेत छह बदमाशों पर मुकदमा दर्ज किया था। 11 अगस्त 2024 को प्रवीण वाल्मीकि और पंकज समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वाल्मीकि और उसका गुर्गा पंकज हरिद्वार की रोशनाबाद जेल में बंद है।हरिद्वार जिला जेल से पंकज के भागने के बाद रुड़की कोतवाली पुलिस उसके गोल भट्टा स्थित घर पर पहुंची लेकिन मकान बंद मिला। पुलिस को इतना पता चला कि उसकी बहन जेल में मिलने आती है। पंकज की बहन मुजफ्फरनगर में रहती है और उसकी ससुराल ज्वालापुर में है।
पंकज के फरार होने के बाद सफाई नायक बसंत के बेटे कपिल के घर के आसपास पुलिस बल की तैनाती की गई है। साथ ही पुलिस लगातार गश्त कर निगरानी कर रही है। इसके अलावा फरार कैदी की तलाश में शहर से देहात तक वाहनो की चेकिंग भी की गई।
शाम की घटना, पुलिस को सुबह दी गई सूचना
घटना शनिवार शाम करीब साढ़े आठ बजे की है। जेल प्रशासन रात भर कैदियों की तलाश में जुटा रहा, लेकिन पुलिस को सूचना शुक्रवार सुबह दी गई। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे पुलिस कंट्रोल रूम पर कैदी फरार होने की सूचना दी गई। सूचना देने में देरी का क्या कारण रहा, इसकी भी जांच की जा रही है।एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि फरार होने वाले कैदी रामलीला में अभिनय नहीं कर रहे थे, बल्कि दोनों दर्शक दीर्घा में शामिल थे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।