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उत्‍तराखंड में एक मरीज में मिले ऐसी बीमारी के लक्षण कि WHO से करना पड़ा संपर्क, टीम पहुंची सिविल अस्पताल

Rare Disease उत्तराखंड में एक वयस्क मरीज में खसरा रोग के लक्षण पाए गए हैं। यह एक दुर्लभ मामला है क्योंकि खसरा आमतौर पर बच्चों में होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने मरीज की जांच के लिए रुड़की के सिविल अस्पताल का दौरा किया और सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। इस खबर में सिविल अस्पताल की ओपीडी के समय में बदलाव के बारे में भी बताया है।

By ankit yadav Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 24 Oct 2024 03:46 PM (IST)
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Rare Disease: मरीज क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए गया था। प्रतीकात्‍मक
संवाद सहयोगी, जागरण, रुड़की। Rare Disease: रुड़की के भंगेड़ी क्षेत्र से एक वयस्क मरीज में खसरा रोग के लक्षण मिले हैं। मरीज क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए गया था। चिकित्सकों ने क्लीनिकल जांच में मरीज को खसरा रोग होने की आशंका जताई है।

इसके बाद चिकित्सकों द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इस संबंध में सूचना दी गई थी। डब्ल्यूएचओ को टीम गुरुवार को मरीज को रुड़की सिविल अस्पताल लेकर पहुंची। यहां से मरीज का सैंपल लेकर हल्द्वानी स्थित लैब में भेजा जा रहा है।

वयस्कों में दुर्लभ माना जाता है खसरा

खसरा रोग बच्चों में होना सामान्य है, लेकिन वयस्कों में यह रोग दुर्लभ माना जाता है। रुड़की क्षेत्र से भी इस तरह का एक मामला सामने आया है। जिसमें वयस्क मरीज में खसरा रोग के लक्षण देखने को मिले है। सूचना मिलने पर डब्ल्यूएचओ की टीम मरीज को सिविल अस्पताल लाई है।

इस संबंध में डब्ल्यूएचओ के रुड़की एवं भगवानपुर क्षेत्र के पर्यवेक्षक आशीष पाठक ने बताया कि एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों की ओर से सूचना मिली थी, कि एक वयस्क मरीज में खसरा के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इसके बाद टीम मरीज को जांच के लिए सिविल अस्पताल लाई है। यहां से मरीज का सैंपल लेकर हल्द्वानी स्थित लैब में भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद मरीज का नियमित उपचार शुरू किया जाएगा।

वयस्कों में खसरा रोग के लक्षण दुर्लभ

रुड़की सिविल अस्पताल के प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञ डा. एके मिश्रा बताते हैं खसरा रोग आमतौर पर एक से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों में ही देखने को मिलता है। वयस्कों में यह रोग दुर्लभ है। काफी महीनों के बाद इस तरह का मामला सामने आया है। जिसमें वयस्क मरीज खसरा रोग से पीड़ित हो।

बताया कि वे काफी वर्षों से खसरा संबंधी मरीजों का उपचार कर रहे हैं। इस तर के मामले बेहद कम ही देखने को मिलते हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के मरीजों को बुखार, खांसी, आंखों से पानी आना एवं थकान आदि महसूस होने के साथ ही पूरे शरीर में दाने निकलते हैं। इसके अलावा इस रोग से पीड़ित मरीज का श्वसन तंत्र भी प्रभावित हो जाता है। जिससे उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है।

एक नवंबर से बदलेगा सिविल अस्पताल की ओपीडी का समय

रुड़की सिविल अस्पताल की ओपीडी का समय एक नवंबर से बदल जाएगा। जिसके बाद ओपीडी सुबह आठ बजे के बजाय 9 बजे शुरू होगी, जो दोपहर के तीन बजे तक चलेगी। इस संबंध में रुड़की सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. संजय कंसल ने बताया कि शीत ऋतु के दौरान अस्पताल में सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक ओपीडी संचालित की जाएगी।

गर्मियों के सीजन में जहां ओपीडी का समय 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक था। वहीं अब 1 तारीख से ओपीडी का समय बदल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अधिक ठंड होने पर मरीजों को सुबह इतनी जल्दी अस्पताल आने में परेशानी होती है। इसको ध्यान में रखते हुए ही विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया है।

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