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51 लाख रुपये के लोन के फर्जीवाड़े में रिटायर्ड बैंक मैनेजर गिरफ्तार

सिंडिकेट बैंक की देवपुरा शाखा में हुए लोन के फर्जीवाड़े में दिल्ली निवासी एक रिटायर्ड बैंक प्रबंधक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। छह माह पहले ही वह रिटायर्ड हुआ है।

By BhanuEdited By: Updated: Fri, 20 Sep 2019 09:45 AM (IST)
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51 लाख रुपये के लोन के फर्जीवाड़े में रिटायर्ड बैंक मैनेजर गिरफ्तार
हरिद्वार, जेएनएन। सिंडिकेट बैंक की देवपुरा शाखा में हुए लोन के फर्जीवाड़े में दिल्ली निवासी एक रिटायर्ड बैंक प्रबंधक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एसआइएस शाखा की जांच में पता चला है कि 51 लाख रुपये के फर्जीवाड़े में तत्कालीन बैंक प्रबंधक की मिलीभगत थी। छह माह पहले ही वह रिटायर्ड हुआ है। बाकी आरोपितों ने कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे लिया हुआ है।

पुलिस के मुताबिक सिंडीकेट बैंक के मुख्य प्रबंधक तजिंद्र सिंह कपूर ने पिछले साल शहर कोतवाली में अलग-अलग तीन मुकदमे दर्ज कराए थे। इसमें बताया गया था कि सिंडिकेट बैंक की देवपुरा शाखा से हरिद्वार निवासी नीतू, गीता व ज्योति वाजपेयी, संदीप वाजपेयी व मीरा गिरी ने 20 लाख, 22 लाख व नौ लाख रुपये के तीन होम लोन लिए थे। लोन में फर्जी दस्तावेज लगाए गए थे।

तीनों मुकदमों की जांच एसआइएस (विशेष अनुसंधान शाखा) को दी गई। एसपी क्राइम मंजूनाथ टीसी की निगरानी व सीओ सिटी अभय सिंह के निर्देशन में उपनिरीक्षक लखपत सिंह बुटोला ने छानबीन की तो पता चला कि तत्कालीन शाखा प्रबंधक पुरुषोत्तम दत्त गोयल की भूमिका भी संदिग्ध रही है। 

प्रथम दृष्टया कमीशन का खेल कर फर्जी दस्तावेजों पर लोन पास कर दिया गया। छह माह पहले रिटायर्ड हो चुके पुरुषोत्तम दत्त गोयल पुत्र डीडी गोयल निवासी एफ-41बी शास्त्रीनगर, थाना सराय रोहिला दिल्ली को पूछताछ के लिए हरिद्वार बुलाया गया। 

पूछताछ में सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाने और फर्जीवाड़े में हाथ होने के चलते पुलिस ने पुरुषोत्तम लाल को गिरफ्तार कर लिया। फर्जीवाड़े की जांच करने वाली पुलिस टीम में इंस्पेक्टर कमल लुंठी, उपनिरीक्षक लखपत बुटोला व कांस्टेबल जितेंद्र शामिल रहे। सीओ सिटी अभय सिंह ने बताया कि बाकी आरोपितों ने गिरफ्तारी पर कोर्ट से स्टे लिया हुआ है। जांच अभी जारी है।

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34 लोन पर विवाद, कई जांच के घेरे में

बैंक अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि गिरफ्तार रिटायर्ड मैनेजर ने हरिद्वार में तैनाती के दौरान कुल 39 लोन स्वीकृत किए। इनमें 34 लोन विवादित हैं। बाकी लोन की जांच भी जल्द कराई जाएगी। वहीं इस मामले में फील्ड आफिसर सहित कुछ अन्य बैंक कर्मियों की भूमिका भी जांच की जद में है। विवेचक लखपत ङ्क्षसह बुटोला ने बताया कि फर्जीवाड़े में और कौन-कौन कर्मचारी व प्राइवेट लोग शामिल हैं, इस बारे में अभी जांच की जा रही है।

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