हरियाणा रोडवेज के पानीपत डिपो के बस परिचालक परमजीत ने बताया कि वे लोग हरिद्वार से सुबह करीब सवा चार बजे पानीपत के लिए निकले थे। सुनसान सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन ही चल रहे थे।
हालांकि, उस समय कोहरा नहीं था। सुबह करीब सवा पांच बजे गुरुकुल नारसन के पास दिल्ली की तरफ से आ रही एक कार डिवाइडर को पार करते हुए ठीक हमारी बस के सामने पलट गई। चालक सुशील कुमार ने बस रोक दी।
‘मैं ऋषभ पंत हूं और क्रिकेट खेलता हूं।'
कार में सवार युवक अगले शीशे से बाहर आने का प्रयास कर रहा था। उसका आधा शरीर गाड़ी के बाहर था, हम सभी ने मिलकर उन्हें बाहर निकाला। हम उन्हें नहीं जानते थे। उन्होंने हमें बताया कि ‘मैं ऋषभ पंत हूं और क्रिकेट खेलता हूं। प्लीज! मेरी मम्मी से बात करा दो।’
परिचालक परमजीत बताते हैं कि हम दोनों क्रिकेट नहीं देखते। इसलिए हम नहीं जानते थे कि जिस कार का एक्सीडेंट हुआ है वह भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ऋषभ पंत की है।
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हमने केवल मानवता के नाते उनकी मां को फोन किया, लेकिन उनका फोन स्विच आफ मिला। इसके बाद मैंने पुलिस हेल्पलाइन 112 और चालक सुशील कुमार ने 108 एंबुलेंस को घटना की सूचना दी।परमजीत ने बताया कि ऋषभ की पीठ पर काफी चोट आई थीं, इसलिए पुलिस और एंबुलेंस के आने तक ऋषभ को पेट के बल लिटाया गया। ऋषभ ने पीने के लिए पानी मांगा तो बस में बैठी एक सवारी ने उन्हें पानी दिया। तकरीबन दस मिनट में पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई थी।
कार और बस में था 50 मीटर का फासला
पानीपत पहुंचने के बाद बस के चालक सुशील कुमार ने दैनिक जागरण को बताया कि कार डिवाइडर से टकराकर हाईवे के दूसरी ओर आ गई। मुझे लगा कि कार बस से टकरा सकती है। तब तक कार और बस के बीच 50 मीटर का ही फासला था। तुरंत सर्विस लेन से बस को फर्स्ट लेन में डाल दिया। तब तक कार दूसरी लेन में चली गई। कार तीन पलटे खाकर सीधी हो गई थी।
यह भी पढ़ें : Rishabh Pant: ऋषभ पंत ने खेली हौसले से भरी पारी, असहनीय पीड़ा के बावजूद मां को घबराता देख करते रहे हंसी-मजाकहमारी बस 50-60 किमी. प्रतिघंटे की गति से चल रही थी। मैंने तुरंत ब्रेक लगाया और कार सवा युवक को बचाने के लिए खिड़की से कूद गया। युवक को कार से निकालने के बाद हमने देखा कि उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे तो हमने अपनी चादर में उसे लपेट दिया। बाद में मुझे पता चला कि घायल युवक ऋषभ पंत है।
ठिठुर रहे ऋषभ को कुशलवीर ने दिया कंबल
डेयरी मालिक कुशलवीर ने बताया, ‘वह हमेशा की तरह सुबह करीब पांच बजे दुकान में काम कर रहे थे। इसी दौरान हाईवे पर तेज धमाका हुआ। बाहर जाकर देखा तो हाईवे पर एक कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, उसमें आग लगी हुई थी। भागकर मौके पर पहुंचा तो देखा कि एक युवक सड़क किनारे बैठा है, वहां कुछ लोग भी थे।
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मुझे यह नहीं पता था कि वह ऋषभ पंत हैं। उन्हें काफी चोट लगी थी, कपड़े फट चुके थे और वह ठंड से ठिठुर रहे थे। मैंने उन्हें अपना मफलर दिया और बाद में दुकान पर रखा कंबल लाकर दिया।’ इसके बाद मैंने युवक से उसका नाम पूछा तो बताया कि, ‘वह क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं और अपने घर रुड़की जा रहे थे।
पेट्रोल रिसाव और चिंगारी भड़कने से लगी ऋषभ की कार में आग
क्रिकेटर ऋषभ पंत की मर्सिडीज कार में आग लगने का प्रारंभिक कारण डिवाइडर से टकराने के बाद उसमें हुआ पेट्रोल रिसाव व सड़क पर घिसटने से भड़की चिंगारी को माना जा रहा है। परिवहन विभाग की टीम दुर्घटनास्थल पर तकनीकी जांच के लिए पहुंची तो पाया कि डिवाइडर से टकराने से पहले कार के ब्रेक लगाए गए होंगे।
इस कारण कार के टायर 22 फीट तक रगड़ते हुए गए। इसके निशान भी सड़क पर मिले। इसके बाद जब कार डिवाइडर से टकराई तो विपरीत दिशा में 80 से 100 मीटर तक घिसटते हुए गई। इससे कार में आग लग गई। आरटीओ (प्रशासन) का कहना है कि प्रारंभिक जांच में कार की गति के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है।देहरादून-रुड़की-दिल्ली नेशनल हाईवे पर गुरुकुल नारसन में जहां ऋषभ पंत की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई, वहां की आरटीओ (प्रशासन) सुनील शर्मा के आदेश पर तकनीकी जांच की गई। संभागीय निरीक्षक प्राविधिक अजय कुमार शर्मा ने दुर्घटनास्थल पहुंचकर जांच पड़ताल की और अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट आरटीओ को भेज दी।
रिपोर्ट के आधार पर आरटीओ शर्मा ने बताया कि दुर्घटना दिल्ली-रुड़की मार्ग पर नारसन पुलिस चौकी से करीब 100 मीटर आगे क्रश बैरियर से टकराने के कारण हुई। कार के टायर, रिम, स्टेयरिंग, एक्सेल, ब्रेक, एक्सीलेटर, इंजन और बाडी पूरी तरह जले हुए मिले।दुर्घटनास्थल पर 22 फीट तक सड़क पर टायरों के रगड़ने के निशान मिले। कार क्रश बैरियर के आठ पिलर व डिवाइडर की रेलिंग के बीच लगे डेलीनेटर और स्ट्रीट लाइट पोल को तोड़कर विपरीत दिशा में रुड़की-दिल्ली मार्ग पर जा पलटी। डिवाइडर से टकराकर जब कार पलटी, तब वह 80 से 100 मीटर तक घिसटते हुए गई और इसी दौरान पेट्रोल टैंक से रिसाव होने लगा। आरटीओ ने बताया कि विस्तृत जांच में दुर्घटना के समय कार की गति एवं अन्य कारणों का पता लगाया जाएगा।