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Rishabh Pant Accident: जिस जगह हुआ ऋषभ पंत का एक्‍सीडेंट, वहां 60 किमी हाईवे का होगा रोड सेफ्टी आडिट

Rishabh Pant Accident शनिवार को आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेष तिवारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों के साथ घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया। नारसन पुलिस चौकी में खड़ी ऋषभ पंत की कार की भी तकनीकी जांच की।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 31 Dec 2022 02:25 PM (IST)
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Rishabh Pant Accident: फॉरेंसिक टीम वहां जाकर हादसों की वजह तलाश करेगी।

टीम जागरण, रुड़की: Rishabh Pant Accident: दिल्ली-देहरादून हाईवे पर भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत के साथ हुए हादसे के बाद शनिवार को आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेष तिवारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों के साथ घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया।

इस दौरान दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी की तकनीकी जांच में हादसे की वजह पता न चलने पर विभाग अब भी नींद की झपकी आने को हादसे का कारण मान रही है। इसके साथ ही विभाग ने रुड़की से 21 किमी की दूरी पर स्थित नारसन बार्डर से लेकर हरिद्वार के सिंहद्वार तक 60 किमी हाईवे का रोड सेफ्टी आडिट करने का निर्णय लिया है।

दुर्घटनास्थल की वीडियोग्राफी की

वहीं दिल्ली से आई राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से जुड़ी संस्था ‘सेव लाइफ फाउंडेशन’ की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर दुर्घटनास्थल की वीडियोग्राफी की। उधर, मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने भी तेजी दिखाते हुए दुर्घटनास्थल से 100 मीटर पहले हाईवे पर स्थित तांशीपुर-खेड़ाजट रजवाहा के ब्लैक स्पाट पर भी चेतावनी सूचक बोर्ड लगा दिए हैं।

बीती शुक्रवार सुबह दिल्ली से रुड़की आते हुए भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत की कार सड़क हादसे का शिकार हो गई थी। हादसे में ऋषभ को काफी चोटें आई थी। शनिवार को देहरादून से आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेष तिवारी घटनास्थल का निरीक्षण करने नारसन पहुंचे। इस दौरान टीम ने गाड़ी के ब्रेक लगने वाले स्थान से लेकर डिवाइडर तक बारीकी से मुआयना किया। इसके बाद टीम ने नारसन पुलिस चौकी में खड़ी ऋषभ पंत की कार की भी तकनीकी जांच की।

हाईवे पर नहीं लगे हैं गति मापक यंत्र

आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेष तिवारी ने बताया कि गाड़ी की हालत को देखकर स्पीड आदि के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है, न ही हाईवे पर गति मापक यंत्र लगे हैं। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग अब नारसन बार्डर से सिंहद्वार तक की सड़क का रोड सेफ्टी आडिट करेगा। इस दौरान जो भी खामियां मिलेंगी, उनका बारीकी से अध्ययन करने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजने के साथ ही खामियों को भी दुरुस्त किया जाएगा।

दूसरी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के डिप्टी मैनेजर राघव त्रिपाठी के साथ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दिल्ली से आए सेव लाइफ फाउंडेशन से जुड़े तकनीकी विषशेज्ञों की टीम ने दुर्घटनास्थल से 150 मीटर पहले से लेकर दूसरी तरफ तक वीडियोग्राफी की। इस दौरान सड़क के एक स्थान पर कार के ब्रेक के निशान मिले, उसकी भी गहनता से जांच की गई। इसके बाद टीम ने ऋषभ पंत की दुर्घटनाग्रस्त कार का भी मुआयना किया।

सेव लाइफ फाउंडेशन की टीम ने राजमार्ग पर रजवाहे के पास की वीडियो भी बनाई। यहां हाईवे की चौड़ाई कम है और सड़क संकरी होने की वजह से यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। एनएचएआइ के डीजीएम राघव त्रिपाठी ने बताया कि अभी जांच चल रही है। कई पहलुओं पर जांच की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट आने में थोड़ा समय लगेगा। फाउंडेशन की टीम अपने साफ्टवेयर में वीडियो और अन्य आंकड़े अपलोड कर छानबीन करेगी। साथ ही यह भी पता लगाएगी कि कितनी स्पीड से कार चलाने से क्रश बैरियर आदि टूट सकते हैं।

प्रदेश में कुल 165 ब्लैक स्पाट

प्रदेश में दुर्घटना के लिहाज से राष्ट्रीय राजमार्ग सबसे अधिक संवेदनशील हैं। प्रदेश के कुल 165 ब्लैक स्पाट में से 120 ब्लैक स्पाट राष्ट्रीय राजमार्गों पर ही हैं। चिह्नित होने के बावजूद ये ब्लैक स्पाट अभी तक पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो पाए हैं।

प्रदेश में 41 ब्लैक स्पाट ऐसे हैं, जिनमें दीर्घकालिक सुधार की आवश्यकता है। इनमें भी 37 राष्ट्रीय राजमार्गों पर ही हैं। अब इन्हें दुरुस्त करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इनके सुधार में हो रही देरी दुर्घटनाओं का न्यौता दे रही है।

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प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा प्रति वर्ष बढ़ रहा है। सड़कों के जिस स्थान पर पांच से अधिक दुर्घटनाएं और इतनी ही मौत होती हैं, उन्हें ब्लैक स्पाट कहा जाता है। शुक्रवार सुबह जिस स्थान पर क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई, वह ब्लैक स्पाट से दो सौ मीटर आगे है।

कुल 165 ब्लैक स्पाट चिह्नित

प्रदेश में वर्ष 2013 से ब्लैक स्पाट को चिह्नित करने का कार्य चल रहा है। अब तक पुलिस, लोक निर्माण विभाग और परिवहन विभाग कुल 165 ब्लैक स्पाट चिह्नित कर चुके हैं। इसके अलावा 616 दुर्घटना संभावित स्थल भी चिह्नित किए गए हैं। इनमें 334 राष्ट्रीय राजमार्ग पर हैं।

आंकड़ों से स्पष्ट है कि राष्ट्रीय राजमार्ग दुर्घटना के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं। इसका एक कारण यह भी है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन तेज गति से चलते हैं। सड़क के डिजाइन में थोड़ी सी भी खामी दुर्घटना का कारण बन सकती है।

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यही कारण है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इन ब्लैक स्पाट को दुरुस्त करने के निर्देश दे चुके हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में इन्हें दुरुस्त करने को लघुकालीन सुधार तो किए गए हैं, लेकिन इनके लिए दीर्घकालीन योजनाएं बनाई जानी बाकी हैं।

प्रदेश में ब्लैक स्पाट की स्थिति

  • जिला -संख्या -अवशेष
  • देहरादून - 49 - 15
  • हरिद्वार - 40 - 05
  • ऊधमसिंह नगर - 39 - 10
  • चमोली - 02 - 00
  • टिहरी गढ़वाल - 07- 00
  • पौड़ी - 02 - 00
  • अल्मोड़ा - 02 - 00
  • नैनीताल - 16- 11
  • पिथौरागढ़ - 03 - 00
  • उत्तरकाशी - 04 - 00
  • चंपावत - 01 - 00
  • रुद्रप्रयाग - 00 - 00
  • बागेश्वर - 00 - 00
  • कुल योग - 165 - 41
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