Rishikesh News: एम्स के डाक्टरों ने व्यक्ति को दिया नया जीवन, बिना ओपन हार्ट सर्जरी किया स्वदेशी वाल्व रिप्लेस
एम्स ऋषिकेश के कार्डियोलाजी विभाग के चिकित्सकों ने बिना ओपन हार्ट सर्जरी के माध्यम से 58 वर्षीय एक रोगी के हृदय (हार्ट) के वाल्व सफलतापूर्वक रिप्लेसमेंट कर उसे नया जीवन प्रदान करने में सफलता पायी है। रोगी अब स्वस्थ है और बिना किसी सहारे के चलने-फिरने लगा है। प्रत्यारोपित किए गए वाल्व भारत में निर्मित स्वदेशी हैं। हृदय की कार्य क्षमता घटकर मात्र 20 प्रतिशत ही रह गयी।
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 11 Sep 2023 04:13 PM (IST)
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश के कार्डियोलाजी विभाग के चिकित्सकों ने बिना ओपन हार्ट सर्जरी के माध्यम से 58 वर्षीय एक रोगी के हृदय (हार्ट) के वाल्व सफलतापूर्वक रिप्लेसमेंट कर उसे नया जीवन प्रदान करने में सफलता पायी है। रोगी अब स्वस्थ है और बिना किसी सहारे के चलने-फिरने लगा है। प्रत्यारोपित किए गए वाल्व भारत में निर्मित स्वदेशी हैं।
खराब हो चुके थे हृदय वाल्व
उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत के रहने वाले विभुरंजन पाल पिछले 10 महीनों से दिल की बीमारी की गंभीर समस्या सहित शरीर के विभिन्न जटिल रोगों से ग्रसित थे। उनके हृदय के वाल्व खराब हो चुके थे और इलाज के अभाव में एक वाल्व सिकुड़कर छोटा हो चुका था।
हृदय की कार्य क्षमता घटकर हो गई 20 प्रतिशत
हालत यह थी कि हृदय की कार्य क्षमता घटकर मात्र 20 प्रतिशत ही रह गयी। आसपास के अस्पतालों ने उन्हें बताया कि उनकी बीमारी अब लाइलाज हो चुकी है और उनका ठीक होना असंभव है। यहां बीते माह 10 अगस्त को कार्डियोलाजी विभाग की ओपीडी में मौजूद कार्डियोलाजिस्ट डा. भानु दुग्गल को उन्होंने पूरी बात बतायी।ओपन हार्ट सर्जरी के माध्यम से वाल्व रिप्लेसमेंट की सलाह
एम्स के कार्डियोलाजी विभाग की विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ सर्जन डा. भानु दुग्गल ने बताया कि मरीज की स्थिति ऐसी थी कि वह बहुत ही हाई रिस्क में था और उसकी बाईपास सर्जरी नहीं की जा सकती थी। ऐसे में मरीज की सभी आवश्यक जाचें करवाने के बाद उन्हें बिना ओपन हार्ट सर्जरी के माध्यम से हार्ट में वाल्व रिप्लेसमेंट करवाने की सलाह दी गयी।
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रोगी के किडनी भी हो चुके हैं खराब
डा. भानु ने बताया कि रोगी के किडनी भी खराब हो चुके थे। साथ ही फेफड़ों में पानी भर जाने के कारण उसकी सांस लगातार फूल रही थी। दिल अपने आकार से ज्यादा फैला हुआ था और खराब हो चुका था। इन हालात में उसे कभी भी कार्डियक डेथ होने का खतरा बना था।
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