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Haridwar: देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत- हमें स्वार्थ नहीं, कुटुंब के लिए जीना है

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत तेज का उपासक है और गायत्री परिवार भी इसी तेजस (सूर्य) की उपासना करता है। इस यात्रा में चलने वाला प्रत्येक व्यक्ति व साधक विश्व को बचाने के लिए कार्य कर रहा है। कहा कि विश्व में शांति हो इसके लिए सबको मिलकर कार्य करना चाहिए। प्राचीनकाल में ऋषि छोटे-छोटे प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया करते थे।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Mon, 28 Aug 2023 11:24 PM (IST)
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कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत का युगसाहित्य आदि भेंटकर सम्मानित करते प्रतिकुलपति डा चिन्मय पंड्या, कुलपति शरद पारधी आदि।

हरिद्वार, जागरण संवाददाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि विविधता में एकता हमारी परंपरा का अंग है। इसलिए मनुष्य मात्र को अपनी लघु चेतना को विकसित करना चाहिए, ताकि वह विविधता में एकता का सार समझकर उसे अपना सके। भागवत ने हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में जी-20 की थीम पर आयोजित दो दिवसीय वसुधैव कुटुंबकम व्याख्यानमाला के समापन पर सोमवार को यह उद्गार व्यक्त किए। 

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत तेज का उपासक है और गायत्री परिवार भी इसी तेजस (सूर्य) की उपासना करता है। इस यात्रा में चलने वाला प्रत्येक व्यक्ति व साधक विश्व को बचाने के लिए कार्य कर रहा है। कहा कि विश्व में शांति हो, इसके लिए सबको मिलकर कार्य करना चाहिए। प्राचीनकाल में ऋषि छोटे-छोटे प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया करते थे, ताकि सभी अपने सहयोगियों के साथ सामंजस्य बनाकर एक कुटुंब की भांति रहें। हमें भी स्वार्थ नहीं, कुटुंब के लिए जीना है। कहा कि भारत का उत्थान विश्व कल्याण के लिए हुआ है, हमें इस अर्थ को समझने की जरूरत है। यही देव संस्कृति भी है। 

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि यह समय अपरिमित संभावना को लेकर आया है और परिवर्तन सुनिश्चित है। सिपाही जागें, सावधान हो लें, तभी भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है। 

कहा कि दया, त्याग, बलिदान और आध्यात्मिक उत्कर्ष का विकास केवल भारत में ही हुआ। भारत में ज्ञान की वह धाराएं विद्यमान हैं, जो संपूर्ण विश्व को प्रकाशित करेंगी। इससे पूर्व, कुलपति शरद पारधी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने संघ प्रमुख भागवत का युग साहित्य, रुद्राक्ष माला, गंगाजली आदि भेंटकर सम्मान किया। इस अवसर पर संघ प्रमुख ने यजन मोबाइल एप सहित कई पत्रिकाओं का विमोचन भी किया। 

विभिन्न प्रकल्पों का अवलोकन 

संघ प्रमुख ने भारत के एकमात्र बाल्टिक सेंटर व श्रीराम स्मृति उपवन सहित विश्वविद्यालय की ओर से संचालित विभिन्न प्रकल्पों का अवलोकन किया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव का अभिषेक कर संपूर्ण समाज की प्रगति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने सफेद चंदन का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।

गायत्री परिवार प्रमुखद्वय से परामर्श

संघ प्रमुख ने शांतिकुंज पहुंचकर गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय डाॅ. प्रणव पंड्या व शैलदीदी से भेंट परामर्श भी किया। उनकी युवा पीढ़ी और समाज के विकास संबंधी विभिन्न विषयों पर मंत्रणा हुई। इस दौरान प्रमुखद्वय ने संघ प्रमुख को युग साहित्य एवं गायत्री मंत्र लिखा शॉल भेंट किया। बाद में उन्होंने युगऋषिद्वय की समाधि सजल श्रद्धा-प्रखर प्रज्ञा पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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