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यहां है भगवान शंकर का स्वयंभू शिवलिंग, भोलेनाथ करते हर मन्‍नत पूरी

धर्मनगरी के कनखल राजघाट में श्री दरिद्र भंजन महादेव मंदिर स्थित है। यहां भगवान शंकर की शिवलिंग स्वयंभू है। मंदिर में आने वाले भक्तों की सच्चे मन से मांगी हर मन्‍नत पूरी होती है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 30 Jul 2019 08:46 PM (IST)
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यहां है भगवान शंकर का स्वयंभू शिवलिंग, भोलेनाथ करते हर मन्‍नत पूरी
हरिद्वार, जेएनएन। धर्मनगरी के कनखल राजघाट में श्री दरिद्र भंजन महादेव मंदिर स्थित है। श्रावण मास, महाशिवरात्रि पर यहां चार पहर की पूजा की जाती है। यहां भगवान शंकर की शिवलिंग स्वयंभू है। श्रावण मास में यहां शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया जाता है। मंदिर में आने वाले भक्तों की सच्चे मन से मांगी हर मन्‍नत पूरी होती है।

इतिहास

यह मंदिर सन 1880 में अस्तित्व में आया। 192 वर्ष पूर्व यहां जंगल था। उस समय यह मंदिर मात्र एक टापू पर स्थित था। धीरे-धीरे मंदिर के प्रति लोगों की आस्था बढ़ी। 1965 में महाराज रंजीत सिंह ने मंदिर का ढांचा तैयार कराया। मंदिर में भगवान शंकर की शिवलिंग पीपल के पेड़ के नीचे स्थित है।

कैसे पहुंचे

हरिद्वार रेलवे और बस स्टेशन से तकरीबन छह किमी दूरी पर स्थित इस मंदिर श्रद्धालु यहां पैदल, बाइक, ऑटो, टेंपो, टैक्सी व निजी वाहनों से आसानी से पहुंच सकते हैं। हरिद्वार रेल व बस सेवा से देश के सभी प्रमुख महानगरों से सीधा जुड़ा है। नजदीक का हवाई अड्डा जौलीग्रांट करीब 38 किमी दूरी देहरादून में स्थित है।

महंत कृष्ण कुमार शास्त्री (श्री दरिद्र भंजन महादेव मंदिर) का कहना है कि भगवान दरिद्र भंजन के दर्शन मात्र से ही शरीर के सारे दुख-दरिद्र दूर होते हैं। 40 दिन तक रोजाना मंदिर के दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती है। मंदिर को ओर अधिक भव्य बनाने के लिए निर्माण कराया जा रहा है।

पवन कुमार शर्मा (मुख्य कार्याधिकारी, दरिद्र भंजन महादेव मंदिर) का कहना है कि मंदिर में स्वयंभू भगवान दरिद्र भंजन महादेव के दर्शन मात्र से ही सारे दुख-दरिद्र दूर हो जाते हैं और मनुष्य हो सभी सुखों की प्राप्ति होती है। श्रावण मास में यहां विशेष आयोजन होने के साथ-साथ शिवलिंग का अनोखा और विशेष श्रृंगार भी होता है।

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