Roorkee में छह वर्षीय बच्चे को कुत्तों ने काटा, आए 40 टांके; प्राइवेट पार्ट पर गहरे जख्म
Dog Bite रुड़की रेलवे स्टेशन के पास एक आम के बाग में खेल रहे छह वर्षीय बच्चे पर कुत्तों के एक झुंड ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। बच्चे के सिर पर करीब 40 टांके आए हैं। बच्चे के सिर में मौजूद रक्त धमनिया फटने से उसका अधिक रक्त श्राव हुआ। कुत्तों ने बच्चे के सिर गर्दन हाथ कमर व प्राइवेट पार्ट पर हमला किया।
खेल रहा था मासूम
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के हरिनगर घ्वारा गांव निवासी राम सिंह अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ गत एक वर्ष से रुड़की रेलवे स्टेशन पर मजदूरी का काम करता है। शुक्रवार को रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक आम के बाग में उनका बड़ा बेटा छह वर्षीय नंदराम अपने कुछ साथियों के साथ खेल रहा था। इस दौरान करीब चार कुत्तों के एक झुंड ने बच्चों पर हमला कर दिया।यह घटना काफी संवेदनशील है। बच्चे को बेहतर उपचार दिया जा रहा है। चिकित्सकों की टीम बच्चे के स्वास्थ्य पर पूरी तरह नजर रख रही है। साथ ही, नर्सों से भी बच्चे के स्वास्थ्य की प्रगति लगातार रिपोर्ट ली जा रही है।
-डा. संजय कंसल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, रुड़की सिविल अस्पताल
रुड़की में लाइलाज हुई आवारा कुत्तों के काटने की समस्या
रुड़की शहर व देहात क्षेत्र में आवारा कुत्तों के काटने की समस्या लाइलाज होती जा रही है। प्रशासन इन लावारिस कुत्तों के काटने की समस्या से लोगों को निजात नहीं दिला पा रहा है। हर रोज कुत्ते के काटने के करीब 45 से 50 मामले सामने आ रहे हैं। जुलाई की ही बात करें तो सिविल अस्पताल में कुत्ते के काटने के करीब 1,320 मामले पहुंचे। रुड़की शहर व देहात क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक बना हुआ है। अभी चार दिन पहले की ही बात है कि भगवानपुर तहसील क्षेत्र के सिकरौढ़ा गांव में लावारिस कुत्तों ने एक साथ चार बच्चों को जख्मी कर दिया था। इधर, शुक्रवार को सिविल अस्पताल में कुत्तों के झुंड के हमले से गंभीर रूप से घायल होने पर छह साल के बच्चे नंदराम को भर्ती कराया गया।यह भी पढ़ें- काम की खबर: सावधान! कुत्ते के काटने पर जरा भी न बरतें लापरवाही, रेबीज से बचने के लिए तुरंत अपनाएं ये तरीके शहर की अधिकांश गलियों में इस समय लावारिस कुत्तों आतंक है। ऐसे में लोग शासन-प्रशासन से लगातार इस समस्या से निजात दिलाने की मांग कर रहे है। पिछले माह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर कुत्ते के काटे जाने की करीब पांच शिकायतें दर्ज कराई गईं। इस संबंध में ना तो नगर निकाय कुछ कर रहा है और ना ही प्रशासन।उधर, सिविल अस्पताल का भी एक बड़ा बजट एंटी रेबीज इंजेक्शन व सीरम पर खर्च हो रहा है। रुड़की सिविल अस्पताल के सीएमएस डा. संजय कंसल ने बताया कि वैसे तो अस्पताल प्रबंधन के पास एंटी रेबीज इंजेक्शन व सीरम पर्याप्त मात्रा में हैं, लेकिन यह समस्या का इलाज नहीं है। कुत्ते के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो चिंता का विषय है।नहीं बना एबीसी सेंटर
नगर निगम रुड़की की ओर से आवारा कुत्तों की आबादी को रोकने के लिए एबीसी सेंटर के निर्माण का कार्य सालियर में कराया गया है। बिल्डिंग आदि बनकर तैयार हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक इसको चालू नहीं किया गया है। जबकि, लंबे समय से इसको चालू करने की मांग की जा रही है।‘रुड़की व देहात क्षेत्र में आवारा कुत्तों के काटे जाने की समस्या गंभीर है, जल्द ही इसका निराकरण किया जाएगा। रुड़की नगर निगम को भी इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।’
-धीराज सिंह गर्ब्याल, जिलाधिकारी, हरिद्वार