17 अक्टूबर को शंकराचार्य की गद्दी पर विराजेंगे अवि मुक्तेश्वरानंद, उत्तराखंड के ज्योतिषपीठ में होगा अभिषेक
Swami Avimukteshwaranand Saraswati 17 अक्टूबर को ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य और ज्योतिषपीठ के नवघोषित शंकराचार्य स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद का गद्दी अभिषेक किया जाएग। यह गद्दी अभिषेक उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित ज्योतिषपीठ में किया जाएगा।
By JagranEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 30 Sep 2022 09:03 AM (IST)
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : Swami Avimukteshwaranand Saraswati : श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी भारती तीर्थ 17 अक्टूबर को ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य और ज्योतिषपीठ के नवघोषित शंकराचार्य स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद का गद्दी अभिषेक करेंगे।
जोशीमठ स्थित ज्योतिषपीठ में किया जाएगा गद्दी अभिषेक
यह भारत साधु समाज के प्रवक्ता और हरिद्वार स्थित चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने बताया कि गद्दी अभिषेक उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित ज्योतिषपीठ में किया जाएगा।
ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज के कृपापात्र अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज विद्वान एवं तपस्वी संत हैं, जिनका गद्दी अभिषेक समस्त भारत के संत समाज और हरिद्वार के संत महापुरुषों के सानिध्य में भव्य रूप से किया जाएगा।
हरिद्वार में होगा भव्य स्वागत
हरिद्वार पहुंचने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का नगर भ्रमण के दौरान संत समाज अभिनंदन और स्वागत करेगा।
स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने वृद्धावस्था तक भारत को शंकराचार्य के रूप में ज्ञान की एक नई दिशा प्रदान की। साथ ही अपनी विद्वता के माध्यम से कई संतों को धर्म के संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रेरित किया।
उत्तराखंड में धर्म के नए आयाम स्थापित होंगे
सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के ज्योतिष पीठ पर विराजमान होने से उत्तराखंड में धर्म के नए आयाम स्थापित होंगे।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज वेद एवं पुराणों के प्रखंड विद्वान हैं और जगतगुरु शंकराचार्य के सानिध्य का लाभ उन्हें हमेशा प्राप्त हुआ है। ज्योतिष पीठ पर उनके अभिषेक से जिसका लाभ धर्म जगत को प्राप्त होगा।
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