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मॉर्निंग वॉक पर नहीं जा रहे थे शहर के बुजुर्ग, घर वाले हो गए परेशान- फिर जब पता चली सच्चाई तो उड़े होश

Haridwar News रुड़की शहर में अभी तक कुत्तों का आतंक जारी है। सिविल अस्पताल की ओपीडी में कुत्ते के काटने के प्रतिदिन 40 से 45 मामले पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं शहर के रामनगर नई बस्ती अंबर तालाब आइआइटी खंजरपुर रोड आदर्शनगर आदि इलाकों में भी कुत्तों का जबरदस्त आतंक है। इसी बीच शहर में अब बंदरों की टोलियों ने भी आतंक मचाना शुरू कर दिया है।

By Raman kumar Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sat, 09 Nov 2024 06:48 PM (IST)
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लोगों ने बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, रुड़की। शहर में अभी तक तो कुत्तों का ही आतंक था, लेकिन अब बंदरों ने भी आतंक मचाना शुरू कर दिया है। कांवड़ मार्ग पर सुबह के समय मंदिर जा रही महिलाओं पर बंदरों ने हमला कर दिया। महिलाओं ने भागकर किसी तरह से जान बचाई।

वहीं, मार्निंग वाक करने लोगों को भी इनसे किसी तरह से जान बचानी पड़ रही है। शहर में बंदरों का आतंक इतना है कि अब बुजुर्ग लोगों ने मॉर्निंग वॉक पर ही जाना छोड़ दिया है। कई दिन से कुछ क्षेत्र के बुजुर्ग मॉर्निंग वॉक पर ही नहीं जा रहे हैं। घर वालों ने उनसे जब वजह पूछी तो पता चला कि जिस जगह वो टहलने जाते हैं आए दिन बंदर वहां उनपर हमला कर देते हैं। 

शहर के कई इलाकों में बंदरों का आतंक

रुड़की शहर में अभी तक कुत्तों का आतंक जारी है। सिविल अस्पताल की ओपीडी में कुत्ते के काटने के प्रतिदिन 40 से 45 मामले पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं शहर के रामनगर, नई बस्ती, अंबर तालाब, आइआइटी खंजरपुर रोड, आदर्शनगर आदि इलाकों में भी कुत्तों का जबरदस्त आतंक है। इसी बीच शहर में अब बंदरों की टोलियों ने भी आतंक मचाना शुरू कर दिया है। सुबह के समय कुछ महिलाएं सिंचाई विभाग की कालोनी से निकलकर गंगनहर पुल स्थित मंदिर पर पूजा-अर्चना करने जा रही थीं। जब वह कांवड़ पटरी पर पहुंचीं तो सात-आठ बंदरों ने उन पर हमला बोल दिया।

महिलाओं ने घर में घुसकर बचाई जान

महिलाओं के शोर मचाने पर यहां से गुजर रहे ई-रिक्शा चालक व अन्य लोगों ने पत्थर आदि फेंककर बंदरों को भगाने की कोशिश की। इसी बीच महिलाओं ने एक घर में घुसकर किसी तरह से जान बचाई। वहीं, मार्निंग वाक पर निकले लोगों को भी बंदरों ने डराने की कोशिश की, कुछ लोग तो बंदरों के डर की वजह से कांवड़ पटरी के बजाए सैनिक कालोनी वाली सड़क से ही निकले।

भाजपा के जिला महामंत्री अरविंद गौतम ने बताया कि वह भी सिंचाई विभाग की कालोनी में रहते हैं। पहले भी बंदर कई बार हमला कर चुके हैं। उन्होंने इस संबंध में डीएफओ से शिकायत की थी। उन्होंने बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।

बंदरों को पकड़ने के लिए जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में टीम से संपर्क किया जा रहा है। अगले सप्ताह में टीम रुड़की आ जाएगी। उसके बाद बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ा जाएगा।

- विनय राठी, वन क्षेत्राधिकारी, रुड़की।

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