लालढ़ांग में तीन गुलदार की एक साथ हुई मौत, वन अधिकारियों में हड़कंप
लालढ़ांग क्षेत्र में तीन गुलदार (तेंदुए) की मौत का मामला सामने आया है। एक की मौत गुलदार लालढांग रेंज दूसरा चिड़ियापुर और तीसरा रवासन रेंज में हुई है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 02 Aug 2019 08:43 PM (IST)
लालढ़ांग(हरिद्वार), जेएनएन। हरिद्वार वन प्रभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व की अलग-अलग रेंज में तीन गुलदारों के शव मिले हैं। प्रथम दृष्ट्या किसी जहरीले पदार्थ को खाने से उनकी मौत होने का अनुमान लगाया जा रहा है। वन विभाग के प्रमुख सचिव आनंद वर्धन ने विभाग से इस पर रिपोर्ट तलब की है।
वन कर्मियों को शुक्रवार सुबह एक के बाद एक तीन गुलदारों के शव पड़े होने की खबर लगी। चिड़ियापुर रेंज के गैंडीखाता बीट-दो के कोटावाली में गुलदार का शव पड़े होने की सूचना पर वन क्षेत्राधिकारी मुकेश कुमार मौके पर पहुंचे। यहां मृत नर गुलदार की उम्र करीब पांच वर्ष बताई जा रही है। उसका शव दो दिन पुराना लग रहा था। थोड़ी ही देर बाद वन अधिकारियों को सूचना मिली कि इससे सटी दो रेंजों में गुलदार के दो और शव और पड़े हैं। एक साथ गुलदार के तीन शव मिलने से महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे। हरिद्वार के प्रभागीय वन अधिकारी आकाश वर्मा ने बताया कि लैंसडोन प्रभाग की लालढांग रेंज में मृत गुलदार की उम्र करीब आठ साल, रवासन रेंज के मृत गुलदार की उम्र करीब छह वर्ष है। तीनों शव एक किलोमीटर की परिधि में मिले। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पड़ताल में इनकी मौत की कोई ठोस वजह पता नहीं चल पाई। आशंका जताई जा रही है कि संभवत: कोई जहरीला पदार्थ खाने से उनकी मौत हुई होगी।
उनका कहना था कि आमतौर पर जहरीला पदार्थ खाने के बाद जानवर पानी की ओर भागते हैं। हो सकता है ये तीनों इसके बाद नदी की तरफ आए हों। देर शाम तक डॉग स्क्वायड, वन विभाग और पार्क प्रशासन की टीम मौत के कारणों की तलाश में जुटी हुई थी। गुलदार के शवों को पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। यह भी पढ़ें: वन विभाग की टीम ने घायल तेंदुए को पिंजरे में किया कैद
यह भी पढ़ें: पिछले साल देशभर में सबसे अधिक तेंदुओं की मौत उत्तराखंड में, पांच सौ पूरे देश में मरे NAINITAL NEWSअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।