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तिरुपति प्रसाद विवाद के बीच उत्तराखंड में एक्शन, घी सप्लाई करने वाली फैक्ट्री पर छापेमारी; सैंपल लिए गए

Tirupati Prasad Controversy तिरुपति लड्डू प्रसाद में मिलावट के आरोपों के बीच उत्तराखंड का खाद्य सुरक्षा विभाग हरकत में आया है। रुड़की की एक फैक्ट्री में छापा मारकर सैंपल लिए गए हैं। फैक्ट्री में एक महीने से उत्पादन बंद है। विभाग ने फैक्ट्री प्रबंधन से पिछले दो साल में कहां-कहां किस उत्पाद की आपूर्ति की गई है इसकी जानकारी मांगी है।

By Raman kumar Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 06 Oct 2024 08:50 PM (IST)
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Tirupati Prasad Controversy: फैक्ट्री प्रबंधन से मांगी जानकारी, दो साल में कहां-कहां, किस उत्पाद की आपूर्ति की गई. Jagran

जागरण संवाददाता, रुड़की। Tirupati Prasad Controversy: भगवानपुर के चौल्ली शाहाबुद्दीनपुर में स्थित भोले बाबा आर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को लड्डू प्रसादम बनाने के लिए घी की सप्लाई होने की बात सामने आने के बाद रविवार को उत्तराखंड का खाद्य सुरक्षा विभाग भी हरकत में आया।

खाद्य सुरक्षा आयुक्त के निर्देश पर अधिकारियों की टीम ने फैक्ट्री में छापा मारा। पता चला कि फैक्ट्री में एक महीने से उत्पादन नहीं हो रहा है। इस दौरान वहां करीब ढाई हजार खाली टिन रखे मिले। घी, दूध के कुछ रेपर और गत्ते के बाक्स मिलने पर उन्हें सील किया गया।

मौके पर फैक्ट्री प्रबंधन का कोई जिम्मेदार अधिकारी, लाइसेंसधारक और लेब टेक्नीशियन नहीं मिला। मैनेजर ने फैक्ट्री में आने से असमर्थता जाहिर कर दी। विभाग ने अब फैक्ट्री प्रबंधन से यह जानकारी मांगी है कि पिछले दो साल में कहां-कहां किस उत्पाद की आपूर्ति की गई है।

एक महीने से उत्पादन बंद

रविवार को उत्तराखंड के आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आर राजेश कुमार और अपर आयुक्त ताजवर सिंह के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम छापा मारने पहुंची। मौके पर चौकीदार सहित पांच लोग मिले। पूछताछ करने पर बताया गया कि एक महीने से यहां उत्पादन बंद है। टीम ने जिम्मेदार अधिकारियों से दूरभाष पर बात की लेकिन उनके फोन ही बंद मिले। मैनेजर से संपर्क हुआ तो उसने आने से असमर्थता जाहिर कर दी। हालांकि उसने यह बताया कि उनका घी राजस्थान, गुजरात और दिल्ली आदि को भेजा जाता है।

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी महिमानंद जोशी ने बताया कि फैक्ट्री प्रबंधन को नोटिस दिया गया है। साथ ही फैक्ट्री में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल के स्रोत के संबंध में जानकारी मांगी गई है। फोन पर एक प्रबंधक से वार्ता हुई है। उससे कहा गया है कि पिछले दो साल में इस फैक्ट्री से क्या-क्या उत्पाद हुआ और उसे किस जगह भेजा गया है, इसकी जानकारी उपलब्ध कराएं।

राज्य सरकार की एजेंसी को केंद्रीय लाइसेंसधारकों की जांच का अधिकार नहीं

टीम में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रुड़की योगेंद्र पांडे, दलीप जैन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी कपिल देव आदि भी शामिल रहे। एफएसएसएआइ की ओर से जारी किया गया है लाइसेंस भोले बाबा आर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड को लाइसेंस भारतीय खाद्य संरक्षा मानिक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) की ओर से जारी किया गया। यही कारण है कि स्थानीय खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने कभी इसका निरीक्षण नहीं किया।

सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार की एजेंसी को केंद्रीय लाइसेंसधारकों की जांच का अधिकार नहीं है। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी महिमानंद जोशी ने बताया कि एफएसएसएआइ से लाइसेंस की जांच केंद्रीय एजेंसी ही करती है। केंद्रीय उपायुक्त से उनकी फोन पर वार्ता हुई है। स्टाक ठिकाने की चर्चा यह फैक्ट्री देहरादून राजमार्ग पर रुड़की से 22 किमी दूर है। फैक्ट्री का रकबा 1648 मीटर है।

खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को मौके पर कुछ न मिलने और एक महीने से उत्पादन बंद होने से आशंका जताई जा रही है कि स्टाक को पहले ही ठिकाने लगा दिया गया। हालांकि फैक्ट्री खुली है। यहां चौकीदार सहित पांच कर्मचारी भी मिले, लेकिन लड्डू प्रसादम बनाने में मिलावटी घी का मामला सामने आने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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