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Uttarakhand News: रुड़की में ईंट-भट्ठा की दीवार गिरने से छह की मौत, दो गंभीर; मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश

उत्तराखंड में रुड़की के लहबोली गांव में ईंट-भट्ठा की दीवार गिरने से छह श्रमिकों की मौत हो गई। इसके अलावा दो श्रमिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिनका एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। मरने वालों में तीन श्रमिक उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। हादसा उस वक्त हुआ जब श्रमिक भट्ठे के अंदर ईंटों की भराई (ईंट को पकाने के लिए लगाना) कर रहे थे।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 26 Dec 2023 07:54 PM (IST)
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Uttarakhand News: रुड़की में ईंट-भट्ठा की दीवार गिरने से छह की मौत, दो गंभीर।

संवाद सूत्र, रुड़की। उत्तराखंड में रुड़की के लहबोली गांव में ईंट-भट्ठा की दीवार गिरने से छह श्रमिकों की मौत हो गई। इसके अलावा दो श्रमिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। मरने वालों में तीन श्रमिक उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। 

हादसा उस वक्त हुआ, जब श्रमिक भट्ठे के अंदर ईंटों की भराई (ईंट को पकाने के लिए लगाना) कर रहे थे। सानवी ईंट-भट्ठा में मंगलवार सुबह 12 से अधिक श्रमिक ईंटों की भराई कर रहे थे। इसी दौरान करीब साढ़े छह बजे मुकुल निवासी ग्राम उदलहेड़ी (मंगलौर) समेत आठ श्रमिक घोड़ा-बुग्गी में कच्ची ईंटें लेकर भट्ठे के अंदर जाने लगे। 

इसी बीच भट्ठे की एक दीवार का करीब 25 फीट हिस्सा भरभराकर गिर गया, जिसके मलबे में घोड़ा-बुग्गी और श्रमिक दब गए। चीख-पुकार सुनकर भट्ठे में मौजूद अन्य श्रमिक मौके पर पहुंचे और हाथ से मलबा हटाना शुरू किया। साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। 

कुछ ही देर में मंगलौर कोतवाली व आसपास के थानों से पुलिस मौके पर पहुंच गई और बचाव एवं राहत कार्य शुरू किया। मलबा हटाने के लिए पोकलेन मशीन बुलाई गई। इस बीच जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल और एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल भी पहुंच गए। 

करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने मलबे में दबे सभी श्रमिकों को बाहर निकाल लिया, लेकिन तब तक घोड़ा-बुग्गी चलाने वाले मुकुल के साथ ही अंकित, बाबूराम, साबिर और जग्गी की सांसें थम चुकी थीं। इसके अलावा समीर, रवि, इंतजार गंभीर रूप से घायल थे। तीनों को रुड़की के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां समीर की मृत्यु हो गई। 

साबिर मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) जिले के गांव मिमलाना, जग्गी गांव पिन्ना, समीर गांव मिमलाना के निवासी थे। रवि बागपत (उत्तर प्रदेश) जिले के बड़ौत, इंतजार सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) जिले के डांगेड़ा के रहने वाले हैं। 

जिलाधिकारी का कहना है कि मजिस्ट्रेटी जांच के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

भट्ठा मालिक व सीएम ने की आर्थिक मदद की घोषणा

बताया जा रहा है कि भट्ठे में श्रमिकों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। यहां काम कर रहे श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण भी नहीं है। हादसे से आक्रोशित ग्रामीणों ने भट्ठा मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए करीब चार घंटे तक प्रदर्शन किया और श्रमिकों के शव को नहीं उठाने दिया। 

बाद में भट्ठा मालिक ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को साढ़े तीन-तीन लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की तब जाकर ग्रामीण शांत हुए और पुलिस ने शव कब्जे में लिए।