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Uttarakhand News: अनिवार्य तबादले की जद में आए कुछ शिक्षक जाने को तैयार नहीं, सैलेरी रोकने के निर्देश

उत्तराखंड में अनिवार्य तबादला नीति के तहत जुलाई में हुए तबादलों में से अधिकांश शिक्षक ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने ऐसे शिक्षकों के संबंध में सभी उप शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। ऐसे शिक्षकों का अब वेतन रोकने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से प्रत्येक प्रत्यावेदन पर विचार करते हुए केवल एक शिक्षक के तबादले को ही संशोधित किया था।

By rajesh barthwal Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 12 Nov 2024 07:35 PM (IST)
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तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, रुड़की। अनिवार्य तबादला नीति के तहत जुलाई में हुए तबादलों में से अधिकांश शिक्षक ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने ऐसे शिक्षकों के संबंध में सभी उप शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। ऐसे शिक्षकों का अब वेतन रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

अनिवार्य तबादला नीति के तहत लंबे समय से सुगम विद्यालयों में जमे शिक्षकों के दुर्गम विद्यालयों में तबादले किए गए थे। अधिकांश शिक्षकों ने तबादले को लेकर प्रत्यावेदन दिया था। अधिकांश शिक्षकों ने विद्यालय की अधिक दूरी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं होना, माता-पिता या सास सुसर, पति एवं पत्नी के बीमार होने आदि का बहाना किया था।

शिक्षा विभाग की ओर से प्रत्येक प्रत्यावेदन पर विचार करते हुए केवल एक शिक्षक के तबादले को ही संशोधित किया था। सभी को सितंबर के अंत में निर्देश जारी किए गए थे कि वह अपने तैनाती स्थल पर जाकर योगदान दें। लेकिन, अक्टूबर बीत जाने के बावजूद कई शिक्षकों ने अभी तक भी ज्वाइन नहीं किया है।

इस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी उप शिक्षा अधिकारियों से ऐसे शिक्षकों की सूची तलब की है। साथ ही, उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। सभी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी के निर्देश के बाद से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।

आइटीएम में दून के 10 शिक्षकों को मिला शिक्षा रत्न सम्मान

शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 10 प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य और शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा रत्न सम्मान और 16 शिक्षकों को उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। चकराता रोड स्थित इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी एवं मैनेजमेंट (आइटीएम) में मंगलवार को आयोजित समारोह में दून के इन शिक्षकों को सम्मानित होने से अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा मिलेगी।

समारोह में बतौर मुख्यअतिथि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रो. एसएस बिष्ट, संस्थान के चेयरमैन निशांत थपलियाल और एकेडेमिया इंडस्ट्री इंटरफेस के सलाहकार प्रो. होशियार सिंह धामी ने पुरस्कार प्रदान किए।

मुख्य अतिथि ने कहा कि संस्थान का इस प्रकार का सम्मान समारोह आयोजन करने का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना और उन शिक्षकों को पहचान देना है, जिन्होंने छात्रों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इन शिक्षाविदों को मिला शिक्षा रत्न सम्मान सीबीएसई बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी मनीष अग्रवाल, सिद्धार्थ ला कालेज की सह प्रधानाचार्य स्वाति के उनियाल, दून प्रेसीडेंसी स्कूल की निदेशक डॉ. सविता गोयल, श्री महावीर जैन इंटर कन्या पाठशाला की प्रधानाचार्य डॉ. श्वेता सिंह, द मांटेसरी स्कूल की प्रधानाचार्य शशि गुलाटी, दून इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. दिनेश बर्थवाल, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल बिंदाल की प्रधानाचार्य गरिमा शर्मा सिमल्टी, सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य पंकज नौटियाल, केवी ओएनएनजीसी के उप-प्रधानाचार्य अंजू सिंह व द मांटेसरी स्कूल के उप-प्रधानाचार्य अर्चना मित्तल शामिल हैं।

इन 16 शिक्षकों को मिला उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान केवि-एफआरआइ के शिक्षक अश्वनी कुमार, डा. पवन गुसाईं, दून प्रेसीडेंसी स्कूल की शिक्षिका रचना जैन, दीपिका आर्य, कृति राय, रेनू गुप्ता, श्री महावीर जैन कन्या पाठशाला की शिक्षिका सीमा व आयशा मेहर, एमकेपी इंटर कालेज की डॉ. मंजू बलोदी व निमिषा रावत, दून इंटरनेशनल स्कूल से विशाल थापा, शीतल सेठी, चारू अग्रवाल, एससीआरआर पब्लिक स्कूल बिंदाल से अनिल कुमार जैसवाल, दिनेश चंद कंडवाल व अमित गुलाटी शामिल रहे।

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