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Uttarakhand: वैज्ञानिकों ने मनसा देवी पहाड़ी को बताया बेहद कमजोर, भूस्खलन का खतरा बरकरार; ड्रोन सर्वे की मांग

Uttarakhand News मनसा देवी पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन और पहाड़ी का मलबा नीचे बस्तियों और बाजारों में आने से रोकने को विज्ञानिकों ने मानसून सीजन के तुरंत बाद मनसा देवी की पहाड़ी के थ्री डी मानचित्रण को ड्रोन सर्वे कराने की सिफारिश की है। जिससे भू-तकनीकी सर्वेक्षण समेत क्षेत्र में हो रही भूस्खलन की संपूर्ण जांच कराई जा सके।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Sat, 26 Aug 2023 04:00 AM (IST)
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भूस्खलन का खतरा बरकरार; ड्रोन सर्वे की मांग
हरिद्वार,मनीष कुमार। मनसा देवी पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन और पहाड़ी का मलबा नीचे बस्तियों और बाजारों में आने से रोकने को विज्ञानिकों ने मानसून सीजन के तुरंत बाद मनसा देवी की पहाड़ी के थ्री डी मानचित्रण को ड्रोन सर्वे कराने की सिफारिश की है। जिससे भू-तकनीकी सर्वेक्षण समेत क्षेत्र में हो रही भूस्खलन की संपूर्ण जांच कराई जा सके। 

अतिवृष्टि से मनसा देवी पहाड़ी के दरकने से उत्तरी हरिद्वार के काली मंदिर के समीप रेलवे टनल के पास रेलवे ट्रैक और नीचे बस्तियों और बाजारों में मलबा आने से भारी दिक्कतें उठानी पड़ी थी। घंटों ट्रेनों का संचालन बंद रहा था। इसे देखते हुए जिले के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने दो अगस्त को मनसा देवी स्थल में हो रहे भूस्खलन का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को इसकी रोकथाम के निर्देश दिए थे।

भूस्खलन की जियो टेक्निकल, जियो फिजिकल, टोपोग्राफिकल जांच उत्तराखंड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर (यूएलएमएमसी) और उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर अथारिटी से कराने की बात कही थी। जिस पर यूएलएमएमसी के निदेशक शांतनु सरकार के नेतृत्व में विज्ञाानिकों की टीम ने पहाड़ी का निरीक्षण भी किया था।

निरीक्षण और सर्वे उपरांत टीम ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें मनसा देवी पहाड़ी को बेहद कमजोर बताया है।

बताया कि इसके चलते भूस्खलन हो रहा है। इस पर प्रभावी नियंत्रण को रिटेनिंग दीवारों का निर्माण, पानी की उचित निकासी और सतह का उपचार कराने का सुझाव दिया है। मलबे से भरी पुरानी क्षतिग्रस्त नालियों की मरम्मत के अलावा चेक बांधों का पुनर्निर्माण, रेलवे ट्रैक के पास अस्थिर ढलान पर आरसीसी रिटेनिंग दीवार का भी सुझाव दिया है।

मनसा देवी पहाड़ी से भूस्खलन रोकने संबंधी रिपोर्ट में भूस्खलन की संपूर्ण जांच को मानसून सीजन के बाद थ्री डी मानचित्रण के लिए ड्रोन सर्वे कराने की सिफारिश की गई है। भू-तकनीकी सर्वेक्षण के अलावा रिटेनिंग वाल का निर्माण, जलनिकासी की समुचित व्यवस्था आदि सिफारिशें की गई है। 

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