हाथियों का हो सकेगा इलाज, हरिद्वार में बनेगा उत्तराखंड का पहला हाथी अस्पताल
हाथियों के इलाज को उत्तराखंड का पहला हाथी अस्पताल हरिद्वार की चीला रेंज में खुलने जा रहा है। अस्पताल शुरू करने के लिए भवन और जरूरी सामान मंगवा लिया गया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 21 May 2019 08:33 PM (IST)
हरिद्वार, बसंत कुमार। घायल और बीमार हाथियों के इलाज को उत्तराखंड का पहला हाथी अस्पताल हरिद्वार की चीला रेंज में खुलने जा रहा है। अस्पताल शुरू करने के लिए भवन और जरूरी सामान मंगवा लिया गया है। जल्द ही अस्पताल का विधिवत उद्घाटन कर इसे शुरू कर दिया जाएगा। इससे रेस्क्यू किए गए हाथियों को न केवल समय पर एवं सही तरीके से उपचार मिल सकेगा, बल्कि हाथियों के संरक्षण एवं संवर्धन में भी मदद मिलेगी।
एशियाई हाथियों के लिए प्रसिद्ध राजाजी टाइगर रिजर्व के जंगलों में हाथियों की संख्या साल-दर-साल बढ़ रही है। इसके अलावा कॉर्बेट नेशनल पार्क और लैंसडौन वन प्रभाग के जंगलों में भी हाथियों की अच्छी-खासी तादाद है। बावजूद इसके प्रदेश में कहीं भी हाथियों के बेहतर इलाज के लिए कोई अस्पताल नहीं है। जबकि, जंगलों, आबादी वाले क्षेत्रों में आने और किसी हादसे में हाथियों का घायल होना सामान्य बात है। इसके अलावा कई बार वह गंभीर बीमारी का भी शिकार हो जाते हैं। लेकिन, उनके लिए सिर्फ मोबाइल वेन के माध्यम से उपचार देने की ही सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में कई बार समय से या उपयुक्त ढंग उपचार न मिलने के कारण हाथी दम तोड़ जाते हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए शासन की ओर से राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में एक हाथी अस्पताल बनाने की स्वीकृत प्रदान की गई। साथ ही अस्पताल भवन और ट्रीटमेंट के लिए जरूरी सामान मंगाने को 25 लाख रुपये का बजट भी आवंटित हो गया। चीला रेंज के रेंजर अनिल पैन्यूली बताते हैं कि अस्पताल का भवन तैयार कर लिया गया है। अब चिकित्सक और फार्मेसिस्ट की तैनाती के लिए शासन को पत्र भेजा जा रहा है।
बोले अधिकारी
अजय शर्मा (वन्य जीव प्रतिपालक, राजाजी टाइगर रिजर्व) का कहना है कि उत्तराखंड में घायल और बीमार हाथियों के उपचार के लिए अभी तक कोई अस्पताल नहीं था। लेकिन, अब अस्पताल बन जाने से घायल और बीमार हाथियों को समय पर उपचार मिल सकेगा। शासन से स्वीकृत मिलते ही अगले माह तक अस्पताल काम करना शुरू कर देगा।
बोले पशु चिकित्सक
डॉ. अदिति शर्मा (पशु चिकित्सक, राजाजी टाइगर रिजर्व) का कहना है कि अभी तक केवल मोबाइल वेन के जरिये ही हाथियों को उपचार दिया जाता है। चूंकि चीला में पहले से ही हाथियों और उनके बच्चों की देखरेख की जाती है, इसलिए यहां हाथी अस्पताल बनाया गया। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए सामान मंगवाया जा चुका है। जल्द ही कुछ और सामान भी आने वाला है।यह भी पढ़ें: उच्च हिमालयी क्षेत्र की शान हैं हिम तेंदुए, पहली बार उठेगा उनकी तादाद से पर्दायह भी पढ़ें: कॉर्बेट पार्क में मेमथ हाथी के जबड़े का जीवाश्म मिला, साढ़े 12 लाख वर्ष पुराना होने का दावालोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।