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संत की कलम सेः 11 मार्च महाशिवरात्रि शाही स्नान का बेसब्री से इंतजार- विनोद गिरी महाराज

कुंभ लोक आस्था का महापर्व है। 11 मार्च महाशिवरात्रि पर कुंभ का पहला शाही स्नान होगा। संत महात्माओं की कृपा से कुंभ सकुशल संपन्न होगा। संत महात्मा के साथ श्रद्धालु और भक्तों को कुंभ के आयोजन का बेसब्री से इंतजार है।

By Sumit KumarEdited By: Updated: Tue, 16 Feb 2021 10:31 PM (IST)
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11 मार्च महाशिवरात्रि शाही स्नान का बेसब्री से इंतजार- विनोद गिरी महाराज
कुंभ लोक आस्था का महापर्व है। 11 मार्च महाशिवरात्रि पर कुंभ का पहला शाही स्नान होगा। संत महात्माओं की कृपा से कुंभ सकुशल संपन्न होगा। संत महात्मा के साथ श्रद्धालु और भक्तों को कुंभ के आयोजन का बेसब्री से इंतजार है। अखाड़ों की ओर से नगर भ्रमण से लेकर धर्मध्वजा और पेशवाई की घोषणा भी हो चुकी है। 

कुंभ सनातन परंपराओं के अनुसार होगा। इस बार हरिद्वार कुंभ के लिए विशेष योग 12 वर्षों की बजाए 11 वर्ष में पड़ रहा है। कुंभ का मतलब घड़ा होता है। क्षीर सागर में समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को कुछ देवताओं और असुरों में हुए संग्राम के दौरान धरती लोक पर जहां-जहां अमृत की बूंदें गिरी वहां देवताओं के आदेश से कुंभ का आयोजन होता है।

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धर्मनगरी हरिद्वार के ब्रह्मकुंड पर संत महात्माओं के साथ ही लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। मकर संक्राति, मौनी अमावस्या के बाद वसंत पंचमी स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। कुंभ में गंगा स्नान से जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होता है। मनुष्य को यदि परमात्मा की प्राप्ति करनी है और अपने जीवन को भवसागर से पार लगाना है तो कुंभ स्नान कर स्वयं को पुण्य का भागी बनाएं। 

[विनोद गिरी महाराज, अंतर्राष्ट्रीय संगठन मंत्री जूना अखाड़ा]

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