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UCC पर विश्व हिन्दू परिषद के उत्तराखंड संगठन मंत्री अजय का रिएक्शन, धामी कैबिनेट के फैसले का किया स्वागत; कही ये बात

Uniform Civil Code अजय कुमार ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 सभी सरकारों को पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक यूसीसी सुनिश्चित करने का निर्देश देता है। उत्तराखण्ड राज्य में समरुपता स्थापित करने को एक प्रकार के कानून एक प्रकार की विधि व्यवस्था एक प्रकार के रीति रिवाज विवाह आदि संस्कारों में एक ही प्रकार के नियम लागू होंगे जिससे राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूती प्राप्त होगी।

By Jagran News Edited By: riya.pandey Updated: Mon, 05 Feb 2024 04:04 PM (IST)
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विश्व हिन्दू परिषद के उत्तराखंड संगठन मंत्री अजय ने UCC पर धामी कैबिनेट के फैसले का किया स्वागत
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Uniform Civil Code: उत्तराखण्ड सरकार की कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता (UCC) के ड्राफ्ट को स्वीकार किए जाने और आगामी 6 फरवरी विधान सभा के सत्र में रखे जाने के फैसले का विश्व हिंदू परिषद उत्तराखण्ड के प्रान्त संगठन मंत्री अजय कुमार ने स्वागत और अभिनंदन किया है। 

अजय कुमार ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 सभी सरकारों को पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) सुनिश्चित करने का निर्देश देता है। उत्तराखण्ड राज्य में समरुपता स्थापित करने के लिए एक प्रकार के कानून, एक प्रकार की विधि व्यवस्था, एक प्रकार के रीति रिवाज, विवाह आदि संस्कारों में एक ही प्रकार के नियम लागू होंगे, जिससे राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूती प्राप्त होगी।

अधिकारों की रक्षा के लिए यूसीसी एक आदर्श उपाय

शासन की नीतियों का आधार विभिन्नताओं को पोषित करना नहीं है, अपितु राष्ट्रहित में विभिन्नताओं को समेकित करना है। एक आदर्श राज्य में नागरिक के अधिकारों की रक्षा के लिए समान नागरिक संहिता एक आदर्श उपाय होगा।

निरंतर बदलती परिस्थितियों के बीच आज वह समय आ गया है कि सभी नागरिकों के मौलिक और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए धर्म की परवाह किए बगैर समान नागरिक संहिता को लागू किया जाना चाहिए, समान नागरिक संहिता द्वारा ही धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीय अखंडता को मजबूत किया जा सकता है।

भारत प्राचीन काल से ही रहा है यूसीसी का संस्थापक देश 

अजय कुमार ने कहा कि हमने कभी किसी के अधिकारों का शोषण नहीं किया बल्कि अपनी ओर से अधिकार देने की या दूसरों के अधिकारों का संरक्षण करने की मानवोचित प्रवृत्ति को अपना कर मानवता का हित संरक्षण किया है। अपनी इसी सोच और पवित्र भावना के कारण भारत प्राचीन काल से ही समान नागरिक संहिता का समर्थक ही नहीं बल्कि संस्थापक देश रहा है।

देवभूमि उत्तराखण्ड पुण्य सलिला गंगा और यमुना का उद्गम स्थल हैं, इन पवित्र नदियों से सम्पूर्ण भारत धार्मिक, आर्थिक आधार पर लाभान्वित होता हैं और सांस्कृतिक विरासत में गंगा जमुनी तहजीब देश की अखण्डता, एकता का परिचय कराती हैं।

यूसीसी के शीघ्र लागू होने के इतंजार में है उत्तराखण्ड के नागरिक 

प्राचीन काल में भगवान श्री राम के पूर्वज भागीरथ मानव कल्याण की भावना से ओतप्रोत होकर कठोर तपस्या के पश्चात मां गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे, उसी प्रकार वर्तमान समय में मानव कल्याण और एक आदर्श राज्य में नागरिक के अधिकारों की रक्षा के लिए आधुनिक भागीरथ के रूप में उत्तराखण्ड के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) भारत के प्रत्येक राज्यों का मार्ग प्रशस्त करने को उत्तराखण्ड राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कराने को संकल्पित हैं।

विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता शीघ्र लागू करने के लिए आशान्वित है।

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